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सहजन से बढ़ाएं सेक्स पावर, एक फली में 300 रोगों को दूर करने की ताकत

 

 

लखनऊ। सब्जी की दुकान पर या आपने लंबी हरी-हरी सहजन की फलियां तो देखी होंगी, जिसे सुरजने की फली भी या कुछ क्षेत्रों में मुंगने के फली भी कहा जाता है। सहजन की यह फली केवल बढ़ि‍या स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत और सौंदर्य के बेहतरीन गुणों से भी भरपूर है।

दुनिया के सबसे ताकतवर पौष्टिक आहारों में सहजन एक माना जाता है। इसकी जड़ से लेकर फूल, पत्ती, फल्ली, तना, गोंद हर चीज उपयोगी होती है। आयुर्वेद में इसके उपयोग से तीन 300 रोगों का उपचार संभव है। सहजन में विटामिन सी संतरे से सात गुना अधिक, विटामिन ए गाजर से चार गुना अधिक, कैलशियम दूध से चार गुना अधिक, पोटेशियम केले से तीन गुना अधिक और प्रोटीन दही की तुलना में तीन गुना अधिक मिलता है।

जरूर जानिए सहजन के यह अनमोल लाभ

—सहजन का सेवन सेक्स पावर बढ़ाने में मदद करता है। इस मामले में यह महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए फायदेमंद है। —पुरुषों में यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और वीर्य को गाढ़ा करने में मददगार है।

—बहुत ज्यादा सर्दी होने पर भी सहजन फायदेमंद है। इसे पानी में उबालकर उस पानी की भाप लेना बंद नाक को खोलता है और सीने की जकड़न को कम करने में मदद करता है।
—सहजन में विटामिन सी का स्तर उच्च होता है जो आपकी रोग प्रतरोधक क्षमता को बढ़ाकर कई बीमारियों से आपकी रक्षा करता है। तो अगर बीमारियों को दूर रखना है।

—महिलाओं के लिए सहजन का सेवन फायदेमंद होता है। यह माहवारी संबंधी परेशानियों के अलावा गर्भाशय की समस्याओं से भी बचाए रखता है और बेहतर सेहत प्रदान करता है।

—त्वचा पर होने वाली कोई समस्या या त्वचा रोग के लिए सहजन बेहद लाभदायक है। इसकी कोमल पत्त‍ियों और फूलों को भी सब्जी के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जो आपको त्वचा की समस्याओं से दूर रखकर जवां बनाए रहने में भी मददगार है।

पांच लाख से ज्यादा पौधरोपण हुआ

इस उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सहजन को पौधे लगाने पर काफी बल दिया है और यूपी में पांच लाख से ज्यादा पौधरोपण सहजन का किया गया है।

इस संबंध में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, योजना एवं कृषि वानिकी प्रभाकर दूबे का कहना है कि इसके औषधिय गुणों को देखते हुए ही प्रदेश में इसके रोपण के लिए लोगों को जागरूक किया गया। इसके प्रति धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता आयी है और लोग इसका रोपण करने के लिए खुद ही आगे आ रहे हैं।

पत्ती के काढ़ा से दूर होता है गठिया रोग

सहजन की पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया, साइटिका, पक्षाघात, वायु विकार में शीघ्र लाभ पहुंचता है। साइटिका के तीव्र वेग में इसकी जड़ का काढ़ा तीव्र गति से चमत्कारी प्रभाव दिखाता है। मोच इत्यादि आने पर सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों तेल डालकर आंच पर पकाएं और मोच के स्थान पर लगाने से जल्दी ही लाभ मिलने लगता है। सहजन के फली की सब्जी खाने से पुराने गठिया, जोड़ों के दर्द, वायु संचय, वात रोगों में लाभ होता है। इसके ताजे पत्तों का रस कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है। साथ ही इसकी सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी कटकर निकल जाती है।

जड़ की छाल से पित्ताशय की पथरी को लाभ

इसकी जड़ की छाल का काढ़ा सेंधा नमक और हींग डालकर पीने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है। सहजन के पत्तों का रस बच्चों के पेट के कीड़े निकालता है और उल्टी-दस्त भी रोकता है। ब्लड प्रेशर और मोटापा कम करने में भी कारगर सहजन का रस सुबह-शाम पीने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है। सहजन के कोमल पत्तों का साग खाने से कब्ज दूर होता है, इसके अलावा इसकी जड़ के काढ़े को सेंधा नमक और हींग के साथ पीने से मिर्गी के दौरों में लाभ होता है। इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से घाव और सूजन ठीक होते हैं।

नाक बंद होने पर उबालकर पानी का लें भाप

आयुर्वेदाचार्य डॉ. एसके राय का कहना है कि सहजन में अधिक मात्रा में ओलिक एसिड होता है, जो कि एक प्रकार का मोनोसैच्युरेटेड फैट है और यह शरीर के लिए अति आवश्यक है। सहजन में विटामिन-सी की मात्रा बहुत होती है। यह शरीर के कई रोगों से लड़ता है। यदि सर्दी की वजह से नाक-कान बंद हो चुके हैं तो, सहजन को पानी में उबालकर उस पानी का भाप लें। इससे जकड़न कम होती है।

खाने से बुढ़ापा होता है दूर

आयुर्वेदाचार्य के अनुसार सहजन के फली की हरी सब्जी को खाने से बुढ़ापा दूर रहता है। इससे आंखों की रोशनी भी अच्छी होती है। सहजन को सूप के रूप में भी पी सकते हैं, इससे शरीर का खून साफ होता है। सहजन का सूप पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। विटामिन सी के अलावा यह बीटा कैरोटीन, प्रोटीन और कई प्रकार के लवणों से भरपूर होता है, यह मैगनीज, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर होते हैं। यह सभी तत्व शरीर के पूर्ण विकास के लिए बहुत जरूरी हैं। सहजन में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखने में मददगार है. इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है।