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मुख्यमंत्री योगी ने विधानसभा चुनाव के दौरान लोक कल्याण संकल्प पत्र में रोजगार को लेकर किए गए संकल्प को अमलीजामा पहनाने के क्रम में एक की बड़ी घोषणा

मुख्यमंत्री योगी ने विधानसभा चुनाव के दौरान लोक कल्याण संकल्प पत्र में रोजगार को लेकर किए गए संकल्प को अमलीजामा पहनाने के क्रम में एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को सरकार नौकरी या रोजगार से जोड़ना सुनिश्चित करने जा रही है। इसके लिए प्रदेश में सभी परिवारों के सभी सदस्यों की स्किल मैपिंग का अभियान शुरू होने जा रहा है। स्किल मैपिंग के बाद आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण देकर वंचित लोगों को रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। सरकार का संकल्प है कि प्रदेश में कोई भी परिवार रोजगार से वंचित नहीं रहेगा। सीएम योगी बुधवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित वृहद रोजगार मेला एवं सेवायोजित प्रशिक्षणार्थियों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन, क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय एवं राजकीय आईटीआई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्किल मैपिंग के दौरान यह पता लगाया जाएगा कि कितने परिवार में सदस्य नौकरी से जुड़े हैं या सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर रोजगार कर रहे हैं। इसमें जो भी वंचित मिलेंगे,, उनका डाटा तैयार किया जाएगा। एक बार डाटा आते ही बचे परिवारों को विशेष कार्यक्रम से जोड़कर कम से कम उनके एक सदस्य को नौकरी व रोजगार मुहैया कराया जाएगा।

सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने बीते 5 साल में 5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है। 1.61 करोड़ युवाओं को एमएसएमई  व उद्यमों में रोजगार से जोड़ा गया है। 60 लाख हस्तशिल्पियों व कारीगरों को स्वतः रोजगार के लिए बैंकों से अनुदानित लोन उपलब्ध कराया गया है। इन सबका परिणाम पूरे देश के सामने है। वर्ष 2015-16 में यूपी में बेरोजगारी दर 18 फीसद से अधिक थी। कोरोनाकाल की चुनौती के बावजूद जबकि 40 लाख प्रवासी कामगार व श्रमिक यूपी लौटे, बेरोजगारी दर करीब 16 फीसद घटकर अब महज 2.7 फीसद पर है। इस उपलब्धि में सरकार के प्रयासों के साथ युवाओं, उद्यमियों व कारीगरों की ऊर्जा व हुनर का महत्वपूर्ण योगदान है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशा देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने की है। इस लक्ष्य में अपना योगदान देने के लिए उत्तर प्रदेश ने अपनी अर्थव्यवस्था 1 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाना तय किया है।  इस दिशा में उद्यमियों, कारीगरों, युवाओं के बल पर हमने तेजी से कदम भी बढ़ा दिए हैं। वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठवें स्थान पर थी, आज यह देश में दूसरे पायदान पर है। बीते 5 साल में उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय व जीडीपी दोगुनी हो चुकी है।