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नही जमा किया बिजली बिल तो नही कर पाएंगे भोजन, जानें क्यों

लखनऊः उत्तर प्रदेश के कई जिलां के जिलाधिकारियां ने बिजली के भारी-भरकम बकाया राशि को वसूलने के लिए कठोर आदेश जारी किया है। जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है। जौनपुर के डीएम ने अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए कहा है कि अगर किसी नागरिक ने अपना बिजली का बिल नहीं भरा है तो सब्सिडी वाले राशन वितरण समेत सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं के लिए उसके आवदेन पर विचार नहीं किया जाएगा।

डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी ने जिला प्रशासन के सभी प्रमुख अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 1 अक्टूबर से अगर कोई निवासी अपनी बिजली बिल की हालिया भुगतान पर्ची नहीं दिखा पाए तो उसे राज्य सरकार की कोई सहायता न दी जाए। डीएम के पत्र के अनुसार, “सरकार ने निर्णय लिया कि जन्म प्रमाण पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेजों को आगे बढ़ाने या कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल जमा करना बहुत जरूरी हो गया है।“

डीएम ने इस आदेश के लिए भारी-भरकम बिजली बकाये की राशि को बताया है। डीएम का आदेश पूर्वी उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। यहां गोरखपुर समेत कई अन्य जिलों ने बकाया बिजली बिल को जल्दी वसूलने के लिए ऐसे आदेश जारी कर दिए हैं। नागरिकों को प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने से रोकना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है क्योंकि इससे नागरिकों को उनके मूल अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।

सूत्रों की मानें तो प्रदेश के मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सलाह दी थी कि बकाया वसूलने के लिए नए कदम उठाए जाने चाहिए। विद्युत निगम के शीर्ष अधिकारी और इंजीनियर पिछले 5 साल से बार-बार यह कह रहे हैं कि सरकार ने अगर जनता से बकाया के भुगतान के लिए कड़े कदम नहीं उठाए तो बिजली विभाग को बहुत ज्यादा नुकसान होगा।