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केंद्र सरकार राम मंदिर निर्माण पर कोई अध्यादेश लाती है तो सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी: जफरयाब जिलानी

लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हिन्दू संगठनों के दबाव को लेकर अब मुस्लिम संगठनों ने भी कमर कसना शुरू कर दिया है। चार जनवरी से राम मंदिर मुद्दे पर होने वाली सुनवाई से पहले मंगलवार को लखनऊ में बाबरी एक्शन कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया कि अगर सरकार राम मंदिर मुद्दे पर कोई अध्यादेश लाती है तो उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

बैठक में बाबरी मस्जिद की कई तंजीमों ने हिस्सा लिया और बाबरी मामले के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी भी बैठक में शामिल हुए। आपको बता दें कि चार जनवरी से अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में शुरू होने जा रही है। वहीं, हिंदूवादी संगठन सरकार पर संसद में अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण करवाने की बात कर रहे हैं। पिछले दिनों विश्व हिंदू परिषद ने भी धर्मसभा कर सरकार पर अध्यादेश लाने के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया।

बैठक के बाद बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि यह बैठक रूटीन का एक हिस्सा थी लेकिन जिस अध्यादेश की बात की जा रही है उस पर चर्चा हुई और यह फैसला लिया गया कि अगर सरकार अध्यादेश लाती है तो उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

बैठक में जफरयाब जिलानी, इकबाल अंसारी व यासीन अली सहित कई अन्य लोग शामिल हुए। भाजपा के लिए आम चुनाव 2019 को देखते हुए मंदिर मुद्दा काफी अहम है। मंदिर निर्माण को लेकर हिंदू संगठनों में काफी नाराजगी है और केंद्र सरकार पर लगातार राम मंदिर निर्माण के लिए दबाव भी बनाया जाएगा जिसके लिए धर्म सभाओं से लेकर रैलियां निकाली जा चुकी है।