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गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ कैंटीन में केवल स्वदेशी सामान बेचने का फैसला वापस लिया

गृह मंत्रालय ने आज महत्वपूर्ण फैसले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की कैंटीन में केवल स्वदेशी सामान बेचे जाने के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। इससे पहले गृह मंत्रालय ने 13 फरवरी को आदेश जारी कर कहा था कि इन कैंटीनों में एक जून से सिर्र्फ स्वदेशी उत्पादों की बिक्री होगी ताकि घरेलू उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके।

इस आदेश में कहा गया था सभी कैंटीनों में केवल स्वेदशी सामान ही बेचे जाएंगे। इसके साथ गृह मंत्रालय सीएपीआफ ने देशभर में चलने वाली कैंटीन के लिए कम से कम 400 से अधिक वेंडरों से अपनी खरीद (ऑर्डर) भी स्थागित कर दी थी।

केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडारण निकाय की ओर से सभी अर्धसैनिक या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को सूचना दी गई है कि जो ऑर्डर पहले ही दिए जा चुके हैं और जितने भी सामान की आपूर्ति होने वाली है उन्हें अगले आदेश तक स्वीकार किया जाएगा। 

इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन सामान को भेजने की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। आदेश में कहा गया कि फिलहाल स्टोरेज में रखे गए माल को बेचने पर डरने की जरूरत नहीं है, जो माल नहीं बिका है उसे सप्लायर को वापस लौटाने की जरूरत नहीं है।

दरअसल इस कैंटीन में लगभग 50 लाख अद्र्धसैनिक बल के कर्मी और उनके परिवार सामानों की खरीद करते हैं। केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडारण निकाय ने हर तरह की सामग्री के ऑर्डर पर तत्काल प्रभाव से तब तक के लिए रोक लगा दी है जब तक कि गृह मंत्रालय स्वदेशी कंपनियों पर स्पष्टीकरण नहीं देता है।

सीएपीफ की कैंटीन में सालाना करीब 2,800 करोड़ रुपये का बिजनेस होता है। इन कैंटीनों से सालाना लगभग 10 लाख कर्मचारियों के परिवारों सामान खरीदते हैं।