प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सत्र न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत निरस्त होने के बाद हाईकोर्ट में दाखिल अर्जी खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा है कि तीन लोगों पर लूट का गम्भीर आरोप है। याची का नाम एफआईआर में नहीं था और एफआईआर दो दिन बाद लिखाया गया। इस आधार पर गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने महुली सन्त कबीर नगर के योगेश पांडेय की अर्जी पर दिया है। 10 अप्रैल 19 की प्राथमिकी के तहत 28 जून 19 को सत्र न्यायालय ने अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया। जिस पर यह अर्जी दाखिल की गयी थी।