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दूल्हे टॉयलेट के साथ करें ये काम, जीत जाएंगे 51 हजार… जानिए पूरी खबर

आज जहाँ एक तरफ पूरा देश तरक्की कर रहा हैं, शहरों में विकास हो रहा हैं, बुलेट ट्रेन तक इंडिया में आने वाली हैं तो वहीं दूसरी ओर भारत में कुछ गाँव ऐसे भी हैं जहाँ अभी तक घरों में टॉयलेट नहीं हैं.

आज भी मर्दों और महिलाओं को शौच के लिए घर से दूर चलकर जाना पड़ता हैं. ऐसा नहीं हैं कि सरकार इस चीज के लिए आगे नहीं आ रही हैं या लोगो को जागरूक नहीं कर रही हैं.

होता ये हैं कि कई बार खुद लोग टॉयलेट पर पैसा खर्च नहीं करना चाहते हैं. यदि सरकारी स्कीम से कोई पैसा मिलता भी हैं तो उसका हर फेर कर टॉयलेट का सही इस्तेमाल नहीं करते हैं.

टॉयलेट के प्रति जागरूक

इन्ही सब बातों को ध्यान में रखकर सरकार ने एक ख़ास कदम उठाया है जी हाँ ऐसे में मध्य प्रदेश ने लोगो को टॉयलेट के प्रति जागरूक करने का बड़ा ही रोचक और आकर्षक तरीका ढूंढ निकाला हैं. यदि आप मध्य प्रदेश के निवासी हैं और आपके घर टॉयलेट हैं तो उसके साथ एक सेल्फी लेने पर आपके घर 51 हजार रुपए तक आ सकते हैं. इसके लिए बस शर्त ये हैं कि पहला आप मध्य प्रदेश के रहने वाले हो और दूसरा आपकी शादी होने वाली हैं.

दरअसल ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह / निकाह’ योजना के तहत यदि शादी करने वाला दूल्हा अपने घर की टॉयलेट के साथ सेल्फी लेता हैं तो उसकी दुल्हन को सरकार पुरे 51 हजार रुपए की सहयता प्रदान करेगी.

यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है की सरकार के लिए ये हर घर जाकर ये चेक करना कि उनके यहाँ टॉयलेट हैं या नहीं बड़ा ही मुश्किल और समय वाला काम हैं. ऐसे में टॉयलेट के साथ सेल्फी वाली फोटो का रिकॉर्ड जनता से लेना ज्यादा आसान काम हैं. दिलचस्प बात ये हैं कि यह स्कीम सिर्फ मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में ही नहीं बल्कि शहरी इलाकों में भी लागू हैं. मसलन भोपाल नगर निगम ने भी इसकी बात की हैं.

भोपाल के ही एक दुल्हे ने बताया कि जा उसका निकाह हो रहा था तो काजी ने शादी की प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं की जब तक मैंने उन्हें अपनी टॉयलेट सेल्फी नहीं दी.  शादी के पहले टॉयलेट का आवश्यक होना, ये नियम 2013 में ही आ गया था. हालाँकि टॉयलेट के साथ सेल्फी वाली चीज नया एडिशन हैं.

सामाजिक न्याय और विकलांग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव जे.एन. कंसोटिया कहते हैं “शादी के पहले दुल्हे से घर में टॉयलेट होने का सबूत मांगने का आईडिया बुरा नहीं हैं. सामाजिक न्याय विभाग ने ऐसे कोई आदेश नहीं दिए हैं. हालाँकि इस पॉलिसी के लागू होने से हालत और बेहतर हो सकते हैं.”