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हरियाणा विधानसभा चुनाव : नारी शक्ति के लिए आसान नहीं है राजनीति की राह

 

हरियाणा गठन के बाद पहली बार 1967 में चुनी गई थीं चार महिला विधायक
2005 व 2014 में महिला विधायकों का आंकड़ा पहुंचा दहाई के पार

चंडीगढ़। हरियाणा में घर की दहलीज लांघ राजनीति की राह पर चलना नारी शक्ति के लिए चुनौतियों भरा है। राजनीतिक दल महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने की वकालत तो करते हैं, लेकिन चुनावों में महिलाओं को कोई खास तरजीह नहीं दी जाती है। अहम यह भी है कि हरियाणा विस में महिलाओं के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं रखी गई है, केवल 17 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं।

हरियाणा में राजनीति की राह महिलाओं के लिए आसान नहीं है। हरियाणा गठन के बाद केवल दो बार ही महिला विधायकों की संख्या का आंकड़ा दहाई पार कर पाया है। हर बार 5 से 7 के बीच में ही महिलाएं विधानसभा में चुनकर पहुंचती थीं। केवल वर्ष 2005 के चुनाव में 11 और 2014 के चुनाव में 13 महिला विधायक विधानसभा पहुंच पाईं।

वर्ष 1966 में हरियाणा गठन के बाद 1967 में हुए चुनाव में चार महिला विधायक चुनी गईं। वर्ष 1968 के विस चुनाव में यह आंकड़ा बढ़कर 7 हो गया।वर्ष 1972 और 1977 के चुनावों में यह आंकड़ा फिर से चार सीटों पर सिमट गया। वर्ष 1967 में लखवति, पी देवी, ओ प्रभा और एस देवी चुनी गई थीं। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि हर क्षेत्र में मुकाम हासिल करने वाली नारी राजनीति के संघर्ष में जूझ रही है। खासकर हरियाणा में स्थिति संतोषजनक नहीं है।

वर्ष          महिला विधायक

1967                     04
1968                      07
1972                       04
1977                        04
1982                       07
1987                        05
1991                         06
1996                         04
2000                        04
2005                         11
2009                         09
2014                          13

वर्ष 2014 के चुनाव में चुनी गईं महिला विधायक

वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में 13 महिला विधायक हरियाणा विधानसभा की चौखट तक पहुंचीं। भाजपा से 8, इनेलो और हजंका से एक-एक तथा कांग्रेस से तीन महिला विधायक विधानसभा पहुंचीं। भाजपा से कालका विस क्षेत्र से लतिका शर्मा, मुलाना से संतोष सारवान, पानीपत सिटी से रोहिता रेवड़ी, सोनीपत से कविता जैन, उचाना से प्रेमलता, अटेली से संतोष यादव, पटौदी से बिमला चौधरी व बड़खल से सीमा त्रिखा चुनाव जीती थीं। इनेलो से डबवाली सीट से नैना चौटाला, हजंका से हांसी सीट से रेणुका बिश्नोई, कांग्रेस से तोशाम सीट से किरण चौधरी, कलानौर से शंकुतला खटक, झज्जर से गीता भुक्कल चुनीं गईं।