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इन्होने कभी मोदी को बिच्छू कहा था पर अब मिला 2019 में UP जिताने का जिम्मा…

राजनीति में दोस्त कब दुश्मन बन जाएं और दुश्मन कब दोस्त ये कुछ कहा नही जा सकता हैं। ऐसी कई उधाहरण हैं जिसमें देखते ही देखते सियासी दोस्त एक दूसरे के दुश्मन बन गएं है तो कही दोस्त बन गए जैसे बिहार में लालू और नितीश कुमार की दोस्ती तो वहीं एक दूसरे के कट्टर विरोधी रहें यूपी में सपा और बसपा की दोस्ती। ठीक ऐसा ही बीजेपी नेता गोर्धन झड़फिया के साथ भी हुआ है। एक समय पीएम नरेंद्र मोदी को बिच्छू कहने वाले झड़फिया को पीएम ने सबसे बड़र जिम्मेदारी वाला काम सौंपा हैं। क्योकि कहते हैं दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है।

उत्तर प्रदेश की ज्यादातर लोकसभा सीटें जिताने का जिम्मा। 2014 में जो काम अमित शाह के पास था अब वही काम उनके पास होगा। झड़पिया को एक जमाने में मोदी का विरोधी माना जाता था। वह बीजेपी पर कई कटाक्ष करते रहते थे और गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी थे। लेकिन अब बीजेपी ने पुरानी सभी बातों को किनारा कर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपनी एक किताब के लॉन्च पर पीएम मोदी को एक बिच्छू की तरह बताया था। मोदी और आरएसएस के रिश्ते पर उन्होंने कहा था, ‘मोदी आरएसएस के लिए उस बिच्छू की तरह हैं, जिसे न तो हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से मार सकते हैं’। इसके बाद इस बयान पर खूब बवाल मचा था। लेकिन शशि थरूर ने गोवर्धन झड़पिया का एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि यही कमेंट मुझसे पहले उन्होंने भी मोदी पर किया था। झड़पिया ने भी एक इंटरव्यू के दौरान मोदी को बिच्छू कहा था।

झड़पिया बीजेपी के उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने गुजरात में रहते हुए नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ काम किया। 2002 के दंगों के दौरान गुजरात के गृहमंत्री रहे झड़पिया पर आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने हिंसा रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। इसके बाद तत्कालीन सीएम मोदी ने उनसे गृहमंत्री का पद छीन लिया था। 2007 में अपनी अलग पार्टी बनाने के बाद उन्होंने बीजेपी के विरोधी केशुभाई पटेल की पार्टी में अपनी पार्टी का विलय कर लिया था। इसके बाद से लगातार झड़पिया ने मोदी और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने फिर से बीजेपी का दामन थाम लिया और नरेंद्र मोदी के लिए जमकर प्रचार भी किया। जिसका ईनाम उन्हें अब मिलता दिख रहा है।