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अलविदा नेताजी : जब मुलायम सिंह ने दारोगा को मंच पर ही दे दिया था धोबी पछाड़, जानिए पूरा किस्सा

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संरक्षक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का मंगलवार दोपहर बाद उनके पैतृक गांव सैफई में अंतिम संस्कार कर दिया गया। अखिलेश यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान लोगों ने ‘धरतीपुत्र अमर रहे’ के नारे लगाए। उनके पार्थिव शरीर को सुबह 10 बजे से अंतिम दर्शन के लिए सैफई मेला ग्राउंड के पंडाल में रखा गया था। राजकीय सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया गया। मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया था। 82 साल की उम्र में उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली थी।

मुलायम सिंह यादव के कई किस्से और कहानियां हैं जो आज भी लोगों को रोमांचित कर देते हैं। ऐसा ही एक किस्सा दारोगा से जुड़ा है। ये तो सब जानते हैं कि राजनीति में एंट्री करने से पहले मुलायम सिंह कुश्ती लड़ते थे। 26 जून 1960 को मैनपुरी के करहल के जैन इंटर कॉलेज में कवि सम्मेलन चल रहा था। उस समय के मशहूर कवि दामोदर स्वरुप विद्रोही भी मंच पर मौजूद थे। उन्होंने अपनी लिखी कविता ‘दिल्ली की गद्दी सावधान’ पढ़ना शुरु की। कविता सरकार के खिलाफ थी, इसलिए वहां तैनात यूपी पुलिस का इंस्पेक्टर मंच पर गया और उन्हें कविता पढ़ने से रोकने लगा। वो नहीं मानें तो उनका माइक छीन लिया। दारोगा ने कवि को डांटते हुुए कहा कि आप सरकार के खिलाफ कविता नहीं पढ़ सकते। मंच पर बहस हो ही रही थी कि दर्शकों के बीच बैठा 21 साल का पहलवान दौड़ते हुए मंच पर पहुंचा और पलक झपकते ही उस पुलिस इंस्पेक्टर को पूरी जनता के सामने मंच पर ही उठाकर पटक दिया। ये पहलवान कोई और नहीं बल्कि मुलायम सिंह यादव थे। ऐसा ही कई किस्से हैं जो मुलायम सिंह के चाहने वाले के साथ हमेशा साथ रहने वाले हैं।