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होटल लेवाना सूइट्स के सीलिंग आदेश जारी, बिल्डर के खिलाफ धोखाधड़ी की एफ0आई0आर

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने प्रकरण की जांच के लिए सचिव की अध्यक्षता में गठित की कमेटी

– वर्ष 2017 से क्षेत्र में तैनात प्रवर्तन के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच की संस्तुति

हजरतगंज स्थित होटल लेवाना सूइट्स में हुए अग्निकाण्ड के मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने होटल परिसर को सील करने का आदेश जारी कर दिया है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि स्थल पर अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की जांच के लिए सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी है। प्रकरण की प्रारम्भिक जांच में यह उजागर हुआ है कि बिल्डर द्वारा प्राधिकरण में फर्जी शपथ पत्र देकर आवासीय भूखण्ड में व्यावसायिक निर्माण कराया गया था। इसके आधार पर प्राधिकरण की तरफ से मेसर्स बंसल कंस्ट्रक्शन के प्रतिनिधि मुकेश जसनानी व उनके साझेदारों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफ0आई0आर दर्ज करायी जा रही है।

 

उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि मुकेश जसनानी व अन्य द्वारा हजरतगंज स्थित मदन मोहन मालवीय मार्ग पर लगभग 6400 वर्ग फुट क्षेत्रफल के भूखण्ड पर बेसमेंट, भूतल, प्रथम तल, द्वितीय तल एवं तृतीय तल का निर्माण करके परिसर में लेवाना सूइट्स नाम से होटल का संचालन किया जा रहा था। ज्ञातव्य है कि पूर्व में विपक्षी द्वारा प्राधिकरण में यह शपथ पत्र दिया गया था कि कम्पाउंड का भू-उपयोग आवासीय गतिविधि में किया जाएगा। लेकिन, विपक्षी द्वारा धोखाधड़ी करते हुए परिसर का होटल के रूप में व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था। इस पर जोनल अधिकारी द्वारा दिनांक-07.05.2022 को होटल लेवाना सूइट्स को नोटिस निर्गत किया गया। इसके जवाब में विपक्षी द्वारा अग्निशमन विभाग द्वारा फायर की एन0ओ0सी0 प्रस्तुत की गयी, जिसका रिन्यूअल वर्ष 2021 से 2024 तक के लिए किया गया था। इस क्रम में भवन स्वामी द्वारा होटल के रूप में स्वीकृत मानचित्र की कोई प्रति लखनऊ विकास प्राधिकरण को प्रस्तुत नहीं की गयी। इस पर जोनल अधिकारी द्वारा दिनांक- 26.05.2022 को नोटिस निर्गत किया गया तथा दिनांक-18.08.2022 को वाद संख्या-537/2022 योजित किया गया।
इसमें उत्तर प्राप्त नहीं होने पर दिनांक- 28.08.2022 को उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम, 1973 की धारा-27 की उपधारा-1 के परन्तुक के अधीन विहित प्राधिकारी द्वारा नोटिस निर्गत किया गया। नोटिस तामीली के बाद भी न तो विपक्षी नियत तिथि पर उपस्थित हुए और न ही इनके द्वारा निर्माण की वैधता के सम्बंध में कोई जवाब/अभिलेखीय साक्ष्य/स्वीकृत मानचित्र/स्वीकृत शमन मानचित्र/निर्माण अनुज्ञा आदि प्रस्तुत किये गए। सोमवार को प्रवर्तन जोन-6 द्वारा स्थल का निरीक्षण किया गया। इसके क्रम में विहित प्राधिकारी द्वारा अवैध निर्माण को सील करके पुलिस अभिरक्षा में सौंपने हेतु आदेश पारित किये गए हैं।

अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की संस्तुति

उपाध्यक्ष डाॅ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि स्थल पर अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की जांच के लिए सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में मुख्य अभियंता अवधेश तिवारी, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह व मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल की समिति गठित की गयी है। कमेटी द्वारा दी गयी रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र में दिनांक-02.07.2017 से तैनात रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को बिल्डर के साथ दुरभिसंधि करते हुए प्रश्नगत स्थल पर अवैध निर्माण के विरूद्ध कार्यवाही न करने का जिम्मेदार पाया गया है। इसके दृष्टिगत जोनल अधिकारी/अधिशासी अभियंता अरूण कुमार सिंह (से0नि0), ओ0पी0 मिश्रा (से0नि0), अधीक्षण अभियंता जहीरूद्दीन, कमलजीत सिंह (पालिका केन्द्रीयित सेवा), सहायक अभियंता ओ0पी0 गुप्ता, राकेश मोहन, राधेश्याम सिंह, विनोद कुमार गुप्ता, अमर कुमार मिश्रा, नागेन्द्र सिंह, इस्माइल खान, अवर अभियंता राजीव कुमार श्रीवास्तव, जे0एन0 दुबे, जी0डी0 सिंह, रवीन्द्र श्रीवास्तव, उदयवीर सिंह, मो0 इस्माइल खान, अनिल मिश्रा, पी0के0 गुप्ता, सुशील कुमार वर्मा, अम्बरीश शर्मा व रंगनाथ सिंह के खिलाफ विभागीय कार्यवाही किये जाने की संस्तुति करते हुए शासन को रिपोर्ट प्रेषित की गयी है।