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फैजाबाद कचहरी सीरियल ब्लास्ट में 13 साल बाद दो आतंकियों को उम्रकैद, एक बरी

-साल 2007 में फैजाबाद, लखनऊ, वाराणसी में हुए थे सीरियल बम ब्लास्ट

-ब्लास्ट में एक अधिवक्ता समेत पांच की गई थी जान, 26 लोग हुए थे गिरफ्तार

-एटीएस ने चार आतंकियों को किया था गिरफ्तार, एक की हो चुकी है मौत

अयोध्या। 13 साल पहले फैजाबाद कचहरी सीरियल बम ब्लास्ट केस में शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश एडीजे फर्स्ट अशोक कुमार ने आतंकी तारिक काजमी व मोहम्मद अख्तर उर्फ तारीके को उम्र कैद की सजा सुनाई है। दोनों पर अदालत ने 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। वहीं कोर्ट ने प्रकरण के तीसरे आरोपी सज्जादुर्रहमान को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। अदालत ने 11 दिसंबर को कोर्ट सभी तीन आतंकियों को दोषी करार दिया था। नवंबर 2007 में फैजाबाद में कचहरी में दो विस्फोट हुए थे। इसमें पांच लोगों की मौत हुई थी, जबकि 26 घायल हुए थे।

विशेष कोर्ट ने आतंकी तारिक काजमी और मोहम्मद अख्तर को धारा 302, 120 बी के तहत उम्रकैद की सजा दी है। वहीं, धारा 307 में 10 वर्ष की सजा सुनाई। इस मामले में एटीएस ने चार आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक खालिद मुजाहिद की बाराबंकी जेल में मौत हो चुकी है। 2008 में आरोपियों के खिलाफ एटीएस ने चार्जशीट दाखिल की थी। आतंकियों को सजा सुनाए जाने के मद्देनजर मंडलीय जेल और अदालत के बीच वीडियो कॉफ्रेंसिंग की व्यवस्था की गई थी।

टिफिन बॉक्स में रखे गए थे बम

23 नवंबर 2007 को फैजाबाद, लखनऊ, वाराणसी की कचहरी में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। बाराबंकी की कचहरी में भी ब्लास्ट का प्रयास किया गया था। आतंकियों ने साइकिल में रखे टिफिन बॉक्स में बम रखा था। फैजाबाद में उस दिन दोपहर 1 बजे कचहरी में दो विस्फोट हुए थे।

एटीएस ने की थी जांच

फैजाबाद कचहरी सीरियल धमाका मामले के चौथे आरोपी खालिद मुजाहिद की मुकदमे के दौरान ही बाराबंकी जेल में मौत हो गई थी। इस कारण कोर्ट में उसका केस बंद कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश की आतंकवाद निरोधी दस्ते यानी एटीएस ने इस मामले की पड़ताल की थी। एटीएस ने गहन छानबीन के बाद चारों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। विशेष न्यायाधीश ने फैसले के लिए मामले के आरोपियों को मंडल कारागार तलब किया था।