Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

लोकसभा चुनाव : इन तीन राज्यों के जरिए भाजपा ने सभी को किया हैरान !

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के सातों चरणों के मतदान खत्म हो चुके हैं और अब सभी राजनीतिक पार्टियों को 23 मई को आने वाले नतीजों का इंतजार है। हालांकि नतीजे आने से पहले ही एक्जिट पोल ने भविष्य में बनने वाली सरकार के लिए रास्ते खोल दिए हैं।

पीएम मोदी और अमित शाह चुनाव के पहले से ही यह कह रहे थे, कि इस बार भाजपा की लहर नहीं सुनामी आएगी। ऐसा होता हुआ दिख भी रहा है, क्योंकि सभी एक्जिट पोल ने भाजपा को ही बहुमत दिया है। वहीं इनमें से सबसे ज्यादा कमाल भाजपा ने तीन राज्यों में दिखाया है, जहां से उसके पीछे रहने की उम्मीद की जा रही थी।

पहले नंबर पर है भारतीय राजनीतिक परिदृश्य से सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश का नाम। इस राज्य के चुनावी नतीजों पर सभी की निगाहें टिकी हैं। हालांकि एक्जिट पोल के जरिए एक बार फिर से यह लग रहा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश के रास्ते दिल्ली तक पहुंच जाएगी। पिछली बार के चुनाव में भाजपा को यहां से 80 में से 71 सीटों पर जीत मिली थी।

ऐसे में इस बार यह कहा जा रहा था कि उत्तर प्रदेश में इस बार मोदी को एसपी-बीएसपी और आरएलडी का गठबंधन टक्कर दे सकता है लेकिन तमाम एक्जिट पोल के मुताबिक इस बार भी भाजपा इस राज्य में 60 से ज्यादा सीटें निकालने में कामयाब होगी और कांग्रेस को फिर से निराशा हाथ लगेगी। जबकि महागठबंधन को 10 से 15 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।

दूसरे नंबर पर है पश्चिम बंगाल। यहां से भी भाजपा से शानदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। क्योंकि एग्जिट पोल के आंकड़ों ने सभी को हैरान कर दिया है। दरअसल पिछले लोकसभा चुनाव में इस राज्य से 2 लोकसभा सीटें जीतने वाली भाजपा इस बार के चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी को कड़ी टक्कर देती दिख रही है। इस बार तमाम एक्जिट पोल में दिखाया जा रहा है कि भाजपा पश्चिम बंगाल में 15 से 19 सीटों तक पहुंच सकती है।

तीसरा राज्य है ओडिशा। ओडिशा में भी भाजपा कमाल का प्रदर्शन कर सकती है। यहां से भी हैरान करने वाला एग्जिट पोल सामने आया है। पिछली बार के चुनाव में भाजपा को ओडिशा में केवल 1 ही सीट पर जीत मिली थी। जबकि इस बार यहां से भाजपा को 6-8 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। जबकि बीजेडी के खाते में भी 6-8 सीटें रह सकती हैं।