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चंद्रशेखर आजाद पार्क में देर रात तक ध्वस्त किया गया अतिक्रमण

*प्रयागराज*-चंद्रशेखर आजाद पार्क में प्रशासन के एक दर्जन से अधिक बुलडोजर बृहस्पतिवार देर रात तक गरजे। मदन मोहन मालवीय स्टेडियम के पास स्थित धार्मिक स्थल के आसपास के अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए गए। जबकि प्रयाग संगीत समिति के पास स्थित धार्मिक स्थल समेत अन्य अवैध निर्माण गिरा दिए गए। कार्रवाई के दौरान पार्क के चाराें तरफ लोगों का जमावड़ा रहा। इससे तनाव बना रहा लेकिन परिसर में प्रशासन की कार्रवाई जारी रही। इस दौरान पूरा इलाका छावनी में तब्दील रहा।

उच्च न्यायालय ने पार्क से सभी तरह के अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया है। प्रशासन को इस पर शुक्रवार को जवाब देना है। इसी क्रम में जिला एवं पुलिस प्रशासन, प्रयागराज विकास प्राधिकरण, नगर निगम, उद्यान विभाग के अफसरों की मौजूदगी में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। प्रशासन की ओर से कब्जेदारों को निर्माण हटाने के लिए दिन में 12 बजे तक का समय दिया गया था।

हालांकि, ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में शामिल विभागों के अन्य अफसर फोर्स के साथ सुबह से ही पार्क में डट गए थे। एडीएम सिटी, एसपी सिटी समेत अन्य अफसर भी करीब एक बजे पहुंच गए। उनकी तरफ से एक बार फिर नोटिस चस्पा कर तीन बजे तक का समय दिया गया। इसके बाद कार्रवाई शुरू की गई।

इससे पहले पूरा पार्क खाली कराने के साथ सभी गेट बंद कर दिए गए। इसके लिए पांच टीमें बनाई गईं थीं। अवैध निर्माण की सूची में शामिल कई धार्मिक स्थल गिरा दिए गए। प्रयाग संगीत समिति, हिंदुस्तानी एकेडमी, गंगानाथ झां आदि संस्थान परिसर में भी कई तरह के अवैध निर्माण करा लिए गए थे। प्रशासन का बुलडोजर उन पर भी चला। दिन में तीन बजे शुरू हुई कार्रवाई देर रात तक जारी रही। पार्क के आसपास के क्षेत्रों में भीड़ बढ़ने पर शाम को अतिरिक्त फोर्स बुला ली गई।

संगीत समिति, हिंदुस्तानी एकेडमी के कई निर्माण भी ध्वस्त
आजाद पार्क परिसर स्थित प्रयाग संगीत समिति, हिंदुस्तानी एकेडमी, गंगानाथ झां संस्कृत संस्थान समेत अन्य संस्थान परिसर में हुए अवैध निर्माण भी गिरा दिए गए। वर्षों से रह रहे कर्मचारियों ने कमरे, बाथरूम आदि बना रखे थे, जिन्हें गिरा दिया गया। इस दौरान कर्मचारी तथा उनके परिजन वहीं मौजूद रहे। हालांकि उन्हें कार्रवाई का पहले से अंदेशा था। इसलिए सामान हटा लिए थे। प्रयाग संगीत समिति के ही करीब 50 कर्मचारियों का परिवार परिसर में रहता है।

जरूरत के अनुसार धीरे-धीरे उन्होंने भी निर्माण करा लिए थे। सभी अवैध निर्माण गिरा दिए। एक कर्मचारी को तो पूरा मकान ही गिरा दिया गया। ड्राइवर पद पर तैनात सागर वर्मा का कहना था कि वह करीब 15 वर्ष से रह रहे हैं। जरूरत के हिसाब से कुछ निर्माण करा रखे थे। प्रशासन ने उसे गिरा दिया। समिति का कार्यालय भी गिरा दिया गया। हिंदुस्तानी एकेडमी का मंच समेत अन्य अवैध निर्माण भी गिरा दिए गए। प्रशासन ने बिजली विभाग का गोदाम तथा अन्य निर्माण भी ध्वस्त कर दिए।

*तीन बार नोटिस के बाद शुरू हुई कार्रवाई*
आजाद पार्क में अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया तीन दिनों से चल रही थी। संबंधित पक्षों को नोटिस देने के साथ वार्ता भी की गई। इसी क्रम में प्रशासन की ओर से बृहस्पतिवार को भी तीन बार नोटिस दिया गया। इसके बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई।

*प्रदर्शनी के बाद बंद कर दिए गए सभी गेट*
सेना की ओर से आयोजित तीन दिनी प्रदर्शनी बृहस्पतिवार को संपन्न हुई। ऐसे में प्रदर्शनी देखने के लिए सुबह लोगों के आने-जाने का क्रम जारी रहा। प्रदर्शनी के समापन के बाद करीब दो बजे तक सभी लोगों को बाहर कर दिया गया। साथ ही सभी गेट बंद करा दिए। परिसर में सिर्फ कार्रवाई में शामिल संबंधित विभागों के अफसर ही मौजूद रहे। उनके साथ परिसर में हर तरफ फोर्स मौजूद रही।

लेडीज क्लब से हटाए गए टिन शेड
लेडीज क्लब का परिसर संस्था के कब्जे में ही रहेगा। क्लब परिसर में टीन शेड आदि का निर्माण कराया गया था। इस पर प्रशासन की ओर से आपत्ति जताई गई थी। बृहस्पतिवार को भी एडीएम सिटी और एसपी सिटी ने क्लब परिसर का निरीक्षण किया। क्लब की अध्यक्ष दिव्या गुप्ता का कहना है कि प्रशासन की आपत्ति पर उन्होंने स्वयं टीन शेड आदि हटा लिए।

*आजाद पार्क के चारों तरफ डटे रहे लोग*
अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के दौरान चंद्रशेखर आजाद पार्क के चारों तरफ बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। एक समुदाय विशेष के लोग कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। इससे वहां तनाव बना रहा। परिसर में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया तीन दिन से चल रही
थी। बुधवार को ही ध्वस्तीकरण की बात कही जा रही थी।

इसके विरोध में बुधवार देर रात तक जगह-जगह लोग समूह में मौजूद रहे। भीड़ को देखते हुए रात में ही कई थानों की पुलिस बुला ली गई थी। हालांकि विरोध को देखते हुए बुधवार को कार्रवाई स्थगित रही। कार्रवाई नहीं करने का आश्वासन देकर पुलिस ने रात में तो लोगों को हटा दिया लेकिन ध्वस्तीकरण की सुगबुगाहट के साथ सुबह से लोगों का फिर से जमावड़ा होने लगा।

दिन निकलने के साथ सैकड़ों लोगों जुट गए। ध्वस्तीकरण दस्ता के पहुंचने तक चंद्रशेखर आजाद पार्क प्रतिमा एवं मेन गेट के अलावा पन्ना लाल रोड आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए थे। वे लोग ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। लोग लगातार भीतर जाने की भी कोशिश करते रहे लेकिन पुलिस ने रोके रखा। इसकी वजह से वहां तनाव बना रहा। शाम को अचानक भीड़ बढ़ गई। इसके बाद और फोर्स बुला ली गई। इस तरह का माहौल देर रात तक बना रहा।

*कब्जेदारों को नहीं पता अंदर क्या हो रहा*
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान कब्जेदारों को भी बाहर कर दिया गया था। उन्हें किसी तरह की सूचना भी नहीं दी जा रही थी। कब्जेदार अफसरों से लगातार पूछते रहे लेकिन कुछ नहीं बताया गया। ऐसे में उन्हें पार्क के भीतर की गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं हो पा रही थी।

*रिपोर्ट-रंजीत सिंह*