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गौमांस खाने वाले केरल के लोगों की ना करें मदद- चक्रपाणि महाराज

नई दिल्ली: केरल में भारी बारिश से मची तबाही के बाद देश ही नहीं दुनियाभर से लोग मदद को आगे आ रहे हैं।  भीषण बाढ़ से राज्य को हुए नुकसान से जल्द उभारने और लोगों के जीवन को पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं इस बीच अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महारज ने लोगों से विवादित अपील की है। चक्रपाणि महाराज ने कहा है कि लोगों सिर्फ ऐसे लोगों की सहायता करें, जो गोमांस नहीं खाते हैं। चक्रपाणि ने यह बातें एक अंग्रेजी न्यूज चैनल के संवाददाता से कहीं।

ना करें गौमांस खाने वालों की मदद- चक्रपाणी

चक्रपाणि महाराज ने कहा, ‘मैं भी केरल में मदद के लिए अपील कर रहा हूं। लेकिन उन लोगों को मदद दी जानी चाहिए जो प्रकृति और प्राणियों का सम्मान करते हैं। जब केरल के लोगों के लिए रोटी उपलब्ध थी, तो वे गाय का मांस खाने के लिए वध कर रहे थे। दिखा रहे थे, चिढ़ा रहे थे, तो मेरा मतलब यह है कि हिंदुओं को उन लोगों को सहायता प्रदान करनी चाहिए जो गाय का मांस खाने से बचें।’

गौहत्या के चलते राज्य में आई बाढ़

चक्रपाणि महाराज ने कहा, ‘जो लोग गाय खाने और सड़क पर उसे मारकर हिंदू धर्म को चोट पहुंचाने की कोशिश करते हैं, वे माफी के हकदार नहीं, उन्हें क्षमा नहीं करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि केरल में बाढ़ इसलिए आई, क्योंकि राज्य में गाय को मारा गया। प्रकृति उन लोगों को दंडित करती है जो इस धरती पर पाप करते हैं।

प्रकृति ने गौहत्या करने वाले केरल को किया दंडित

चक्रपाणि ने आगे कहा कि केरल के लोगों को उन नेताओं को दंडित करना चाहिए, जिन्होंने सड़कों पर गायों का वध किया। प्रकृति ने बाढ़ के माध्यम से केरल को दंडित किया और कुछ गलत लोगों की वजह से केरल में निर्दोषों को भी भुगतना पड़ा।

गौमांस ना खाने की प्रतिज्ञा ले करनी चाहिए मदद

चक्रपाणि ने आखिर में एक बार फिर से दोहराया कि गोमांस खाने वाले लोगों को कोई मदद नहीं मिलनी चाहिए। अगर उन्हें मदद देनी भी है, तो उनसे प्रतिज्ञा लेनी चाहिए कि वे भविष्य में कभी गोमांस नहीं खाएंगे।

केरल में बाढ़ से 370 लोगों की हुई मौत

आपको बता दें कि चक्रपाणि महाराज का यह बयान तब सामने आया है, जब केरल सदी की सबसे बड़ी तबाही से गुजर रहा है। बाढ़, बारिश और भूस्खलन से केरल में अब तक करीब 370 लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में का चक्रपाणी का बयान पीड़ितों का अपमान करने वाला है।