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भूटान और भारत में गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक संबंध : मोदी

 

 

नई दिल्ली। भूटान की दो दिवसीय यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दौरे के आखिरी दिन थिंपू स्थित रॉयल यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबंधित करते हुए भारत-भूटान के बीच गहरे एतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को याद किया। उन्होंने कहा कि भारत सौभाग्यशाली है कि राजकुमार सिद्धार्थ के भगवान बुद्ध बनने का स्थान रहा है। हमारा सौभाग्य है कि भारत और भूटान, दोनों देश एकसाथ आगे बढ़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया भूटान को उसके `ग्रॉस नेशनल हैपिनेस’ के कॉन्सेप्ट के लिए जानती है। प्राकृतिक ख़ूबसूरती के साथ भूटान के लोगों की सादगी और करुणा भी यहां आने वालों को उतना ही प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच न केवल भौगोलिक निकटता है बल्कि हमारे पुराने सांस्कृतिक, एतिहासिक और पारंपरिक संबंध हैं। भूटान के साथ भारत उर्जा सहित कई क्षेत्रों में काम कर रहा है।

अपनी किताब `एग्जाम वारियर्स` का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि किताब का मूल तत्व भगवान बुद्ध की शिक्षा से प्रभावित है जिसमें सकारात्मकता और एकता के महत्व के बारे में बताया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को छात्रों को संबोधित करने के बाद थिम्पू स्थित नेशनल मेमोरियल को देखने भी गए। उन्होंने यहां काफी देर वक़्त बिताया।

इससे पहले शनिवार को भूटान पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान के प्रधानमंत्री डॉ.लोते शेरिंग से मुलाकात की थी। भारत और भूटान के बीच हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट, मल्टी स्पेशलिएटी हॉस्पिटल, स्पेस सेटेेलाइट सहित नौ समझौते पर हस्ताक्षर हुए।