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जेएनयू ने वापस लिया शुल्क बढ़ोतरी का फैसला, छात्र विरोध के आगे झुका प्रशासन

 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने छात्रावास शुल्क में पिछले दिनों की गई भारी बढ़ोतरी को वापस लेने का फैसला किया है। विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी समिति (एक्जक्यूटिव कमेटी) ने एक बैठक में यह फैसला किया।

विश्वविद्यालय में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए आर्थिक सहायता की एक योजना शुरू करने का भी फैसला किया गया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सचिव आर. सुब्रमण्यम ने ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अब अपनी कक्षाओं में वापस लौट जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि जेएनयू के छात्र छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलनरत थे, जिससे परिसर में शिक्षण कार्य बाधित था। बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) से जुड़े विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) पर विरोध प्रदर्शन किया गया था। बाद में यूजीसी और जेएनयू के अधिकारियों ने छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की।

इसके तुरंत बाद सचिव उच्च शिक्षा ने शुल्क में हुई बढ़ोतरी को वापस लिए जाने की जानकारी दी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रावास शुल्क 10 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर तीन सौ रुपये प्रतिमाह कर दिया था। प्रशासन का तर्क था कि पिछले करीब एक दशक से फीस में कोई वृद्धि नहीं की गई थी, अब शुल्क को पुर्ननिर्धारित किया गया है। इस फैसले का जेएनयू छात्रसंघ और विभिन्न छात्र संगठनों ने तीव्र विरोध किया था और छात्र सड़कों पर उतर आए थे।