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चीन ने नहीं किया भारतीय सीमा का अतिक्रमण : विदेश मंत्री

 

 

नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा पर झड़प की कोई घटना नहीं हुई है। सीमा को लेकर अलग-अलग नजरिये कारण दोनों देशों के सैन्य गश्ती दल आमने-सामने आ जाते हैं । इस तरह के मामले पहले भी हुए हैं। जब भी ऐसी घटना होती है तो मौजूदा प्रणाली के तहत उनका समाधान हो जाता है। जयशंकर ने कहा कि भारत चीन सीमा पर संप्रभुता के हनन अथवा अतिक्रमण की कोई घटना नहीं हुई है।

विदेश मंत्री ने एक प्रेसवार्ता में इस आशय की मीडिया रिपोर्टों को खारिज किया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के कारण चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अपनी भारत यात्रा स्थगित कर दी। साथ ही सीमा संबंधी विवाद को हल करने के लिए विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता भी नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि वास्तव में ऐसी यात्रा या वार्ता का कोई कार्यक्रम घोषित ही नहीं किया गया। ऐसे में यात्रा या वार्ता स्थगित होने का सवाल ही नहीं है।

विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि अपनी पिछली चीन यात्रा के दौरान उन्होंने बीजिंग में केवल यह कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के कारण भारत की बाहरी सीमा में कोई बदलाव नहीं आया है। जयशंकर उन मीडिया रिपोर्टों पर टिप्पणी कर रहे थे कि उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के संबंध में ऐसा बयान दिया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग अगली अनौपचारिक शिखर वार्ता के संबंध में कहा कि यह एक अनोखी कूटनीतिक कवायद है, जिसमें उभरती हुई विश्वशक्ति वाले दो देशों के नेता सहजता और मुक्त माहौल में विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श करते हैं। निश्चित एजेंडे के साथ होने वाली औपचारिक वार्ता की तुलना में ऐसी मुलाकात अधिक सार्थक सिद्ध होगी।

उन्होंने कहा कि दूसरी अनौपचारिक वार्ता की तिथियां शीघ्र ही घोषित की जायेंगी। भारत को आशा है कि आगामी वार्ता में ‘बुहान भावना’ और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष बुहान में दोनों नेताओं ने तय किया था कि मतभेदों को विवाद में बदलने न दिया जाए। अस्थायित्व से जूझ रही दुनिया को स्थायित्व देने की अपनी भूमिका को दोनों देश समझते हैं। दोनों देश अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप संतुलन वाले संबंधों के लिए प्रतिबद्ध हैं।

चीन के अशांत क्षेत्र हांगकांग के घटनाक्रम के बारे में विदेश मंत्री ने कहा कि वहां भारत का निवेश है और वहां भारतीय मूल के लोग भी रहते हैं। भारत हांगकांग के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है।

अफगानिस्तान में अमेरिका और विद्रोही आतंकवादी तालिबान के गुट के बीच वार्ता प्रक्रिया के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत पूरे घटनाक्रम में निष्क्रिय नहीं है। भारत समय आने पर आवश्यक उपाय करेगा।