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मुख्यमंत्री योगी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रक्षाबंधन के एक दिन पूर्व परिवहन निगम की 150 नई बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

मुख्यमंत्री योगी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रक्षाबंधन के एक दिन पूर्व परिवहन निगम की 150 नई बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कहा कि रक्षाबंधन के अवसर पर महिलाओं को 48 घंटे लिए निशुल्क यात्रा का मौका दिया जा रहा है। उसी तरह से बहुत शीघ्र 60 वर्ष से अधिक आयु की प्रत्येक महिला को प्रदेश में पूरी समय फ्री बस सेवा देंगे। इस मौकेपर उन्होंने कई योजनाओं का लोकार्पण भी  किया। बुधवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में बसों को रवाना करने से पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए रक्षाबंधन से अच्छा दिन क्या हो सकता है। हर जिले को दो-दो बसें मिली हैं। उन्होंने परिवहन निगम के ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश कहां, क्या आवश्यकता है, उसके अनुसार हमें अपने इंस्टीट्यूट को तैयार करना होगा। अपनी वर्कशाप को आईटीआई और पॉलीटेक्निक के साथ जोड़कर अधिक से अधिक छात्रों को भी अभ्यास कराने का प्रयास करना होगा। इससे जहां मेनपावर बढ़ेगी तो छात्र भी निपुण होंगे। बोले, प्रदेश में हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतें हैं।


कोरोना जैसी महामारी जिसने दुनिया को पस्त कर दिया, उस दौरान यहां 23 हजार मौतें हुई  जबकि प्रतिवर्ष दुर्घटना में बीस हजार मौतें होती हैं। सड़क दुर्घटना के पीछे क्या कारण हैं, इसे ढूंढने और उसके तह में जाने की आवश्यकता है। अगर हम इसमें सफल हो पाएंगे, तो निश्चित ही कहीं न कहीं इसे कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। कहा कि कोरोना काल में रोडवेज ने एक करोड़ प्रवासी श्रमिकों को निशुल्क उनके गंतव्य तक पहुंचाया। इनमें 40 लाख यूपी, 30 लाख बिहार के थे। अन्य राज्यों को भी मदद दी। इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, परिवहन निगम अध्यक्ष आरके तिवारी, प्रमुख सचिव वेक्टेश्वर लू आदि मौजूद रहे। सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले कार्यकाल के दौरान तमाम राज्यों से एमओयू किए थे ताकि हमारी बसें बेधड़क दूसरे राज्यों में जा सकें। इंटर स्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए बेहतरीन प्रयास करने की आवश्यकता है। जो बसें जर्जर हैं, अपनी आयु पूरी कर चुकी हैं, उन्हें बेड़े से हटाकर चरणवार बसें खरीदें। हमारा प्रयास होना चाहिए कि परिवहन निगम की बसें हों या सड़कों पर चलने वाले कोई भी वाहन हों, ड्राइवर की टेस्टिंग हर साल होनी चाहिए। आनलाइन सुविधा दें, ऐसे सेंटर विकसित करें। परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि कुल 1150 नई बसें बेड़े में शामिल होनी हैं