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तिहाड़ जेल में मनेगा चिदंबरम का दशहरा, सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

 

नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले में पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की न्यायिक हिरासत को 17 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है। कोर्ट ने चिदंबरम की उस अर्जी को स्वीकार कर लिया जिसमें उन्होंने जेल में घर के खाने को मंगाने की मांग की थी।

सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से वकील अमित महाजन ने कहा कि चिदंबरम की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है और चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए कोर्ट इस मामले पर पांच बजे सुनवाई करे। उसके बाद कोर्ट ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया।

जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट पहुंचे तो उन्होंने कहा कि चिदंबरम को घर का खाना मंगाकर खाने की अनुमति देने में सीबीआई को कोई आपत्ति नहीं है। तब कोर्ट ने चिदंबरम को घर से खाना मंगाकर खाने की अनुमति दे दी।

आज चिदंबरम के मामले की सुनवाई करने वाले स्पेशल जज के कोर्ट रूम में उस वक्त अफरा-तफरी मंच गई जब एक लावारिस बैग कोर्ट रूम में मिला। तुरंत सुरक्षाकर्मियों को कोर्ट रूम में बुलाकर बैग की तलाशी ली गई। उसके बाद किसी को भी बैग लेकर कोर्ट रूम में आने की इजाजत नहीं दी गई।

पिछले एक अक्टूबर को चिदंबरम ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर कर जेल में घर से खाना मंगवाकर खाने की मांग की थी। उससे पहले 30 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। जस्टिस सुरेश कैत ने कहा था कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। आज यानि 3 अक्टूबर को चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर दर जमानत की मांग की है। 19 सितम्बर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने चिदंबरम के परिवार वालों को उनसे मिलने की इजाजत दी थी।

उल्लेखनीय है कि चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया डील के सीबीआई से जुड़े मामले में पिछले 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई,2017 को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्तमंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई। इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।