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चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक पहुंचा चांद की कक्षा में, आगे करना होगा इन चुनौतियों का सामना

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव होने के बाद दोबारा सत्ता में आई मोदी सरकार ने कुछ दिन पहले ही चंद्रयान-2 का सफल परीक्षण कर दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया था। वहीं चंद्रयान-2 भी अपने मिशन की ओर लगातार बढ़ता जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने मंगलवार को अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचा दिया है।

हालांकि चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं, इसके बाद भी अभी चंद्रयान-2 को कई चुनौतियों का सामना करना होगा। चंद्रयान-2 के चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद अब हर किसी को बस 7 सितंबर का इंतजार है। हालांकि उसेस पहले इसे अभी कई अहम पड़ाव से गुजरना पड़ेगा। आज हम इन्हीं चुनौतियों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

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चंद्रयान-2 ने अभी तक लगभग 3 लाख 84 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर ली है। चांद की कक्षा में जाने के बाद अब चंद्रयान-2 को 18 हजार किलोमीटर की दूरी और तय करनी है। हर किसी को अब 7 सितंबर का इंतजार है, जब लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर उतारा जाएगा।

इससे पहले चंद्रयान को चार और कक्षाएं पार करनी होंगी। इसरो के मुताबिक इसकी दिशा में चार अलग-अलग दिन 21, 28, 30 और 1 सितंबर को बदलाव किए जाएंगे।

चंद्रयान-2 की चांद की सतह पर लैंडिंग के 15 मिनट बेहद अहम होंगे, क्योंकि चांद की सतह से 30 किलोमीटर की दूरी रह जाने पर चंद्रयान-2 की स्पीड बेहद कम कर दी जाएगी। सॉफ्ट लैंडिंग में कामयाबी मिलते ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।