Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

चंद्रयान-2 : लैंडर विक्रम की चांद पर हुई थी हार्ड लैंडिंग, नासा ने जारी की तस्वीरें

न्यूयॉर्क। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने शुक्रवार को चंद्रयान-2 पर अपनी रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया है कि चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई। एजेंसी ने उस जगह की कुछ तस्वीरें भी जारी कीं, जहां विक्रम की लैंडिंग होनी थी। नासा के हाई रेजॉलूशन इमेज इसके लूनर ऑर्बिटर कैमरा के जरिए खींची गई है। चंद्रमा के जिस अनछुए सतह पर भारत के महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट चंद्रयान-2 की लैंडिंग होनी थी, वहां लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई। दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के दौरान विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया था।

नासा ने कहा है कि दक्षिणी ध्रुव पर रात होने के कारण लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (एलआरओ) चंद्र सतह पर बेजान पड़े विक्रम की तस्वीर नहीं ले सका। हालांकि इसके अलावा नासा ने चंद्र सतह की कई तस्वीरें जारी की है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इन गढ्ढों के पीछे छाए घने अंधेरे में लैंडर विक्रम कहीं पड़ा हुआ है जिससे उसकी तस्वीर नहीं आ सकी।

अक्टूबर में लैंडर विक्रम की तस्वीर लेने की कोशिश

नासा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एलआरओ एक बार फिर लैंडिंग साइट के पास पहुंचने का प्रयास करेगा। 14 अक्टूबर को जब प्रकाश स्थिति अनुकूल होगी तो एक और कोशिश की जाएगी। लूनर रेजॉनेंस ऑर्बिटर मिशन के डेप्युटी प्रॉजेक्ट साइंटिस्ट जॉन केलर ने पीटीआई को ईमेल के जरिए दिए जवाब में कहा, ‘जिस वक्त लैंडिंग एरिया की तस्वीरें ली गई वहां बहुत अधिक धुंधलका था। संभव है कि विक्रम लैंड ऐसे ही धुंधवाले किसी हिस्से में होने कारण नजर न आया हो। अक्टूबर में प्रकाश स्थिति बेहतर होगी और उस वक्त लैंडर की तस्वीर लेने की फिर से कोशिश

क्या है एलआरओ

एलआरओ यानी लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 18 जून 2009 को इसे लॉन्च किया था। यानी आज से करीब 10 साल पहले।यह नासा का रोबोटिक स्पेस्क्राफ्ट है, जो इस वक्त चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहा है।