Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

सीएए हिंसा : पीएफआई पर बैन लगाने की तैयारी, डीजीपी ने केंद्र से की सिफारिश

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध की सिफारिश की है। नागरिकता संशोधन कानून पर प्रदेश भर में हिंसा में शामिल होने के सबूतों के बाद डीजीपी मुख्यालय ने सोमवार को पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश गृह विभाग को भेजा है। गृह विभाग अब इस सिफारिश को आगे केंद्र के पास भेजेगा।

डीजीपी मुख्यालय ने अपनी सिफारिश में पीएफआई के बारे में लिखा है कि इसमें इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के ज्यादातर सदस्य जुड़ गए हैं। इन संगठनों के लोगों के पास से पूरे राज्य में आपत्तिजनक साहित्य और सामग्री बरामद की गई है। यूपी की हिंसा में पकड़े गए कई लोगों के संबंध पीएफआई से निकले हैं, जबकि पीएफआई के कई सदस्य पकड़े गए जिन पर हिंसा फैलाने का आरोप है।

प्रदेश में हुई थी पीएफआई की कई बैठकें

राष्ट्रीय स्तर पर स​क्रिय ‘मल्टी एजेंसी सेंटर’ के अनुसार पीएफआई से जुड़े लोगों ने हिंसक घटनाओं से पहले उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बैठक करके आपत्तिजनक सामग्री बांटने का कार्यकर्ताओं को फरमान सुनाया था। प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने की पूरी तैयारी थी। प्रदेश के विभिन्न जिलों बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, वाराणसी, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, आज़मगढ़ और सीतापुर में इनकी सक्रियता हैं।

केरल में पीएफआई पर बैन

देश के 23 राज्यों में फैले पीएफआई संगठन का गठन 22 नवम्बर 2006 को माना जाता है। जब पीएफआई ने नई दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कॉन्फ्रेंस करके अपनी पहचान बताई थी। इसका संरक्षक ई.अबुबक्कर है। केरल में पीएफआई पर बैन लग चुका है।