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बजट 2020 : मोदी सरकार के सामने होंगी ये 10 चुनौतियां, क्या फैसला लेगी सरकार?

 

 

आर्थिक सर्वेक्षण पेश,  शनिवार को लोकसभा में पेश होगा बजट

नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र के बीच में करीब एक महीने का अवकाश रखा जाता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 पेश किया। इसके बाद लोकसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट
1 फरवरी को लोकसभा में पेश करेंगी। यह पहला पूर्णकालिक बजट होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि यह बजट पूरे एक दशक का सबसे चुनौतीपूर्ण बजट है।

बजट 2020 से जुड़ी 10 खास बातें

1-बजट 2020 को लेकर जनता की उम्मीदें ज्यादा हैं। माना जा रहा है कि इस बार टैक्स को लेकर मोदी सरकार जनता को ज्यादा राहत देने के मूड में नहीं है।

2-बजट 2020 ऐसे समय में आ रहा है जब अर्थव्यवस्था लंबे समय से मंदी के खिलाफ संघर्ष कर रही है। सभी क्षेत्रों में कमजोरी के बीच हजारों नौकरियों का नुकसान हुआ है।

3-मोदी सरकार ने 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर सरकार को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

4-केंद्र सरकार का बजट घाटा चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.8 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।

5-अगर सरकार युद्ध, कृषि उत्पादन में गिरावट या अनिश्चित राजकोषीय प्रभाव के साथ संरचनात्मक सुधारों के दौर से गुजर रही है, तो सरकार अपने लक्ष्य से चूक सकती है।

6-30 सितंबर को खत्म हुई तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि 6 साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत तक पहुंच गई। कई अर्थशास्त्रियों और वित्तीय संस्थानों ने इसके लिए खराब मांग और खपत में गिरावट को जिम्मेदार बताया

7-मोदी सरकार ने हाल ही में कॉरपोरेट टैक्स में बड़ी कटौती का ऐलान किया था। साथ ही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बुनियादी ढांचे में 102 लाख करोड़ रुपए की परियोजना की घोषणा की थी।

8-इस बीच, सांख्यिकी मंत्रालय ने इस हफ्ते राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया था। भारत की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।  सरकार के लिए इसे बरकरार रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा।

9-मोदी सरकार को उम्मीद है कि 2020 की पहली तिमाही तक देश की जीडीपी 5 फीसदी से ज्यादा का लक्ष्य हासिल कर लेगी। अगर ऐसा होता है तो यह 11 वर्षों में विकास की सबसे धीमी गति को चिह्नित करेगा।

10-वित्त वर्ष 2018-19 में सालाना आर्थिक विकास दर 6.8 प्रतिशत रही थी, जो मार्च 2019 में खत्म हुई। जीडीपी को लेकर विपक्षी दल लगातार सरकार पर हमलावर हैं। ऐसे में जीडीपी में सुधार के लिए भी सरकार के कदमों पर भी विपक्ष की नजर रहेगी।