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नालंदा में शुरु हुई काला गेहूं की खेती

बिहारशरीफ। बिहार के नालंदा जिले में काला गेहूं की खेती की शुरुआत की गयी है। बताया जाता है कि इस गेहूं में डायबिटीज-कैंसर से बचाव सहित इन बीमारियों में आता है काम नयी किस्म की खेती करके किसान कामयाबी हासिल कर रहे हैं। इसमें अब काला गेहूं की फसल का नाम भी जुड़ गया है।

काला धान की फसल से उत्साहित सीएम नीतीश के गृह जिले नालंदा के किसान काला गेहूं लगा रहे हैं। पहले काला गेहूं का नाम बिहार में गिने-चुने किसान ही जानते थे।नयी किस्म की खेती करके किसान कामयाबी हासिल कर रहे हैं। इसमें अब काला गेहूं की फसल का नाम भी जुड़ गया है। काला धान की फसल से उत्साहित सीएम नीतीश के गृह जिले नालंदा के किसान काला गेहूं लगा रहे हैं।

पहले काला गेहूं का नाम बिहार में गिने-चुने किसान ही जानते थे। लेकिन इसकी गुणवत्ता और मुनाफे को जानकर पहली बार नालंदा में काले गेहूं की खेती शुरू की गयी है। कई किसान काला गेहूं लगा चुके हैं और कई लगाने की तैयारी में जुटे हैं। काले गेहूं के उत्पादन सामान्य गेहूं की तरह ही होता है। इस गेहूं का न सिर्फ उत्पादन अधिक होता है, बल्कि काला गेहूं सेहत के मामले में सामान्य गेहूं से ज्यादा अच्छा होता है।

इतना ही नहीं यह किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है। मार्केट में चार से छह हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से इसकी बिक्री होती है, जो सामान्य गेहूं से दोगुना है.काला गेहूं खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही यह कई गंभीर बीमारियों में लाभदायक भी होता है।काला गेहूं डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी लाभदायक होता है। किसान काले गेहूं से अच्छी कमाई करते हैं। काले गेहूं की खेती करने की सलाह दे रहे हैं।

किसानों को इस काले गेहूं से जम कर कमाई करने का मौका मिल रहा है। काले गेहूं में एंथ्रोसाइनीन प्रचुर मात्रा में होता है। यह एक नेचुरल एंटी ऑक्सीडेंट व एंटीबायोटिक है, जो हार्ट अटैक, कैंसर, डायबिटीज , मानसिक तनाव, घुटनों का दर्द, एनीमिया जैसे रोगों में काफी कारगर सिद्ध होता है। काले गेहूं रंग और स्वाद में सामान्य गेहूं से थोड़ा अलग होते है, लेकिन बेहद पौष्टिक होते हैं।

बिहारशरीफ के बीज विक्रेता संजय कुमार बताते हैं कि इस सीजन में उनके द्वारा छह क्विंटल से अधिक काला गेहूं की बिक्री की जा चुकी है। नालंदा में पहली बार काला गेहूं का बीज बिक्री के लिए हरियाणा, मध्यप्रदेश एवं अन्य जगहों से लाया गया है। उनके अलावा नालंदा, परवलपुर और बेन बाजार में भी काला गेहूं का बीज मिल रहा है।
बेन के मखदुमपुर में अर्जुन प्रसाद, अनुज प्रसाद, रामाधीन प्रसाद, लक्ष्मीनारायण सिंह, सत्यनारायण प्रसाद द्वारा काले गेहूं की खेती की गयी. इसी प्रकार राजेश कुमार, अखिलेश कुमार (सिलाव), सत्यानंद कुमार और अजय कुमार (अस्ता), विनय कुमार (फतेहपुर), प्रशांत कुमार (चंडी मौ), रूपेश कुमार (माहुरी), लाल सिंह (बाजीतपुर), नवनीत कुमार (आदमपुर), टुनटुन शर्मा (जैतपुर), सरयुग प्रसाद और अजीत कुमार (मेघी), अजीत प्रसाद सिंह, परीक्षित नारायण सुरेश, रघुनाथ प्रसाद के अलावे दर्जनों किसान काले गेहूं की खेती करने में जुटे हैं. कई किसानों द्वारा गेहूं की बोआई की जा चुकी है।