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राजनीतिक हलचल में नीतीश कुमार की सरकार में सहयोगी बीजेपी और मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी बिल्कुल चुप

पिछले करीब 48 घंटे से बिहार के राजनीतिक मीटर में काफी उतार-चढ़ाव दिख रहा है। दिलचस्प यह है कि राजनीतिक मीटर में हलचल किसी और ने नहीं बल्कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने पैदा किया है। राजनीतिक हलचल को लेकर ना केवल बिहार की जनता बल्कि देशभर के लोगों के मन में कई तरह के सवाल चल रहे हैं। सोशल मीडिया को देखें तो लोग अपने-अपने हिसाब से अनुमान और व्याख्या करने में लगे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि पूरे राजनीतिक हलचल में नीतीश कुमार की सरकार में सहयोगी बीजेपी और मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी बिल्कुल चुप है। इस वजह से अनुमानों का बाजार ज्यादा गरम हो गया है। पिछले 48 घंटे के राजनीतिक मीटर पर नजर डालें तो एक बात तो साफ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके खेमे से पांच हिंट दिए जा चुके हैं जिससे आम जनता अपने हिसाब से इसके मायने निकाल सकती है।

5 अगस्त की शाम की शाम को जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पत्र लिखकर अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को अकूल दौलत बनान के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया। कुशवाहा ने पत्र में लिखा है, ‘आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हमारे माननीय नेता (मुख्यमंत्री) भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस (तनिक भी सहन नहीं करने) की नीति के साथ काम कर रहे हैं और वह अपने लंबे राजनीतिक करियर में बेदाग रहे हैं।’ पत्र के साथ पार्टी के अज्ञात कार्यकर्ताओं की ओर से सिंह के खिलाफ की गई शिकायत को भी संलग्न किया गया। जेडीयू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 और 2022 के बीच अकूत संपत्ति अर्जित की गई। 6 अगस्त की सुबह मीडिया में यह खबर आने के बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा मैदान में उतरे और कहा ‘यह खुलासा करना उचित नहीं है कि आरोप किसने लगाए हैं। लेकिन स्पष्टीकरण मांगा गया है। पार्टी उनके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगी।’ यहां बता दें कि आरसीपी सिंह को लेकर चर्चा थी कि वह बीजेपी नेताओं के कुछ ज्यादा ही करीब हो गए थे। इसी वजह से उन्हें तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजा गया, जिसके चलते उन्हें केंद्रीय मंत्री पद से भी त्यागपत्र देना पड़ा।