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उप्र में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की धूम, दो दिन जन्मेंगे कान्हा

 

 

लखनऊ। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर उत्तर प्रदेश में उत्सव का माहौल है। मथुरा-वृंदावन से लेकर पूरे राज्य में घर-घर, मंदिर-मंदिर और बाजारों में जन्माष्टमी की रौनक है।

हालांकि, अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग को लेकर पिछले वर्षों की तरह इस बार भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में इस साल भी कान्हा का जन्म दो दिन होगा। कहीं आज शुक्रवार को तो कहीं शनिवार की आधी रात कन्हैया जन्मेंगे। फिलहाल, कान्हा के आगमन का पूरा प्रदेश बेताबी से इंतजार कर रहा है। जगह-जगह बाल गोपाल के जन्मोत्सव की झांकियां सज गयी हैं।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान समेत मथुरा के कई मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व यद्यपि शनिवार को मनाया जायेगा, लेकिन वृन्दावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म आज की मध्य रात्रि में ही होगा। इसके लिये वहां व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं।

इसके अलावा प्रदेश के अधिकांश पुलिस लाइंस, थानों और जेलों में भी आज ही परंपरागत ढंग से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनायी जा रही है। लखनऊ पुलिस लाइन में आयोजित हो रहे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। जन्माष्टमी के पर्व पर योगी शनिवार को मथुरा भी जायेंगे।

दरअसल, भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन यानी जन्माष्टमी का पर्व हर साल भाद्र महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र के संयोग में मनाया जाता है। वैसे इस तिथि को लेकर अक्सर हर वर्ष असमंजस की स्थिति रहती है। इसके अलावा अलग-अलग मान्यताओं के चलते स्मार्त यानी वैष्णव और शैव सम्प्रदाय के लोग अलग-अलग दिन जन्माष्टमी मनाते रहे हैं।

इस वर्ष भी इस पर्व को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लोग 23 और 24 अगस्त को लेकर उलझन में हैं। हालांकि, प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य कृष्ण शंकर मिश्र का कहना है कि 23 अगस्त की रात अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसलिए 23 अगस्त को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाना उत्तम रहेगा। आचार्य मिश्र कहते हैं कि 24 अगस्त को मध्यरात्रि में रोहिणी नक्षत्र तो मिलेगा, लेकिन अष्टमी तिथि नहीं रहेगी। ऐसे में 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाने का उत्तम मुहुर्त नहीं बन रहा है।

वृंदावन के आचार्य पण्डित रसिक विहारी शास्त्री भी 23 अगस्त की रात में ही जन्माष्टमी के लिए उत्तम मुहुर्त बता रहे हैं। उनका कहना है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस लिहाज से यह दोनों संयोग 23 अगस्त को बन रहे हैं। ऐसे में 23 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना शुभ होगा।