नई दिल्लीः पिछले कई वर्षों से देश में हो रही मॉब लिंचिंग पर कड़े कानून बनाए जाने की मांग का अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इससे संघ का कोई लेना-देना नही है और जरूरत हो तक सरकार इस पर कड़ा कानून बनाए।
बता दें कि संघ प्रमुख ने नागपुर में सालाना पथ संचलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने अपने संबोधन में मोदी सरकार के कार्यों की तारीफ भी की। भागवत ने मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर कहा कि कानून व्यवस्था की सीमा का उल्लंघन कर हिंसा की प्रवृत्ति समाज में परस्पर संबंधों को नष्ट कर अपना प्रताप दिखाती है।
यह प्रवृत्ति हमारे देश की परंपरा नहीं है, न ही हमारे संविधान में यह है। कितना भी मतभेद हो, कानून और संविधान की मर्यादा में रहें, न्याय व्यवस्था में चलना पड़ेगा। कहा कि मॉब लिंचिंग को लेकर कानून बनाए जाने चाहिए। इन घटनाओं को पेश कर षड्यंत्र चलाया जा रहा है, ये सबको समझना चाहिए।
इस दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से देश में बहुत कुछ अच्छा चल रहा है। सरकार ने कई कदम उठाए हैं, सरकार के पास कठोर निर्णय लेने की क्षमता है। हमारा देश पहले से ज्यादा सुरक्षित है, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना बड़ा कदम है। चंद्रयान-2 ने विश्व में भारत का मान बढ़ाया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक का पहला आंदोलन ही देश में एक विधान और एक परिधान के लिए हुआ था।
मोहन भागवत ने कहा कि इस सरकार में जनता ने विश्वास दिखाया है। सरकार ने भी कई कड़े फैसले लेकर बताया कि उसे जनभावना की समझ है। गुरु नानक देव की 550वीं जयंती, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती, लोकसभा चुनाव जैसी कई घटनाएं हैं जिनकी वजह से यह साल कई सालों तक याद रहेगा।