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एक बार फिर भटकी श्रमिक स्पेशल ट्रेन, गोवा से जाना था बलिया, पहुंच गई नागपुर

रेलवे की लापरवाही की वजह से घर पहुंचने को बेताब प्रवासी श्रमिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रैक पर दिशाहीन चल रही ट्रेनें अपने गंतव्य तक की दूरी तीन से चार दिनों में पूरा कर रही हैं. गोवा से यूपी के बलिया के लिए निकली श्रमिक स्पेशल ट्रेन नागपुर पहुंच गई. लिहाजा जो दूरी 28 घंटे में तय होनी थी, उसके लिए 72 घंटे लगे. इसी तरह महराष्ट्र के वसई से कामगारों को लेकर गोरखपुर के लिए निकली ट्रेन ओडिशा के राउरकेला पहुंच गई. ऐसा ही हाल कई अन्य ट्रेनों का भी रहा.

दरअसल, गुरुवार को गोवा से यूपी की बलिया के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चली, लेकिन ट्रैफिक जाम और गलत सिग्नल की वजह से वह नागपुर पहुंच गई. 72 घंटे बाद यह ट्रेन रविवार दोपहर को बलिया पहुंची. बता दें कि गोवा से बलिया की दूरी 2245 किलोमीटर है और सफ़र 28 घंटे का है.

लगातार दिशाहीन होकर ट्रैक पर भटक रही ट्रेनों की वजह से मजदूरों व कामगारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. श्रमिकों ने बताया कि रास्ते में खाने की बात छोड़िए, बूंद-बूंद पानी के लिए भी तरसना पड़ा. यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं और बच्चों को हुई. कई की तबियत भी बिगड़ गई.

हर राज्यों से पूर्वी यूपी और बिहार के लिए चल रही स्पेशल ट्रेनों की वजह से ट्रैक पर ट्रैफिक ज्यादा है. वसई से गोरखपुर के लिए चली ट्रेन राउरकेला पहुंच गई, क्योंकि भुसावल व इटारसी रेल मार्ग पूरी तरह पैक था. बलिया जा रही ट्रेन भी इनके पीछे खड़ी थी. रेल ट्रैफिक कंट्रोल ने इसे बिहार का समझकर नागपुर वाले मार्ग पर सिग्नल दे दिया.

यूपी में रेलवे के नोडल अफसर डीआरएम लखनऊ संजय त्रिपाठी ने बताया कि सबसे अधिक लोग पूर्वी यूपी में आ रहे हैं, इसके अलावा ट्रेन को खली करने में भी वक्त लग रहा है. इसलिए कुछ सेक्शन पर कंजेशन बढ़ा और ट्रेन को डायवर्ट किया गया.