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यूपी में बिजली आपूर्ति का बुरा हाल, ट्विटर पर लगा शिकायतों का अंबार

2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे उससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश के बहराइच में रैली करते हुए एक लाइन कही थी कि यूपी में लाइट जाना खबर नहीं लाइट आना खबर बन जाती है. फिर वह पूर्ण बहुमत से प्रधानमंत्री बन गए.

2017 में विधानसभा के चुनाव हुए और यूपी में भी भाजपा की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनाए गए लेकिन बिजली व्यवस्था का हाल कुछ खास सुधरा नहीं जैसे भाजपा सरकार से पहले था वैसा ही कुछ अभी भी हैं.

यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा बिजली व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे और वादे तो करते हैं लेकिन कुछ खास फर्क जमीन पर दिखाई नहीं देता बाकी शहरों का तो छोड़ दीजिए राजधानी लखनऊ में ही बिजली व्यवस्था का बुरा हाल है. और इसकी पुष्टि इस बात से हो जाती है कि लोग लगातार ट्विटर पर घंटो बिजली न रहने की, ट्रांसफार्मर फूंकने की, लाइन टूटने की और तमाम तरह की समस्याएं की शिकायत करते रहते हैं.

ट्विटर पर एक यूज़र ने लिखा मंत्री जी पिछले एक माह से लखनऊ में बिजली की आपूर्ति बद से बदतर हो गई है लेकिन कोई देखने वाला नहीं हैं.

जिला गाजीपुर के एक यूजर ने लिखा मंत्री जी कभी जमीनी हकीकत का पता करिए ग्रामीण इलाकों में बिजली का बुरा हाल है बार-बार शिकायत पर भी कोई समाधान नहीं हैं.

एक और यूजर ने लिखा सर फिलहाल बिजली व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिख रहा है गर्मी का मौसम आते ही बिजली की कटौती शुरू हो जाती हैं.

एक यूजर ने जनपद गोंडा से लिखा की ब्लॉक परसपुर की विद्युत आपूर्ति बहुत ही दयनीय हालात पर पहुंच चुकी है रोस्टर के अनुसार आपूर्ति नाम मात्र है, सभी फीडर जो पुराने और जर्जर तारों पर चल रहे हैं जिससे पूरी लाइन ट्रिपिंग का शिकार होती रहती है कृपया कुछ करें.

गर्मी अपने चरम पर है पारा जहां 40 के पार जा चुका है तो ऐसे वक्त में लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत बिजली की है कि उनको ठंडी हवा और पीने के लिए ठंडा पानी मिल सके लेकिन बिजली की व्यवस्था कुछ ऐसी है कि आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस वक्त मैं यह खबर लिख रहा हूं उस वक्त भी मेरे वहां बिजली नहीं आ रही है और मैं यह खबर मोबाइल से लिखने पर मजबूर हूं.

उत्तर प्रदेश में बिजली की बुरी व्यवस्था आलम यह है कि लोग रातों में चैन से सो भी नहीं पा रहे हैं और यह मैं कोई ऐसे ही नहीं कह रहा हूं यह बात ट्विटर पर आ रही लगातार कंप्लेन के आधार पर मैं लिख रहा हूं अगर आप ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, एमवीवीएनएल कस्टमर केयर, और एनर्जी मिनिस्टर ऑफिस यूपी का ट्विटर हैंडल देखेंगे तो आपको कम से कम दिन भर में हजार से ज्यादा कंप्लेंट देखने को मिल जाएंगी हालांकि ट्विटर पर आई कंप्लेंट पर रिप्लाई तो जाता है कि आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा लेकिन जमीनी स्तर पर कहीं भी कोई समाधान होता नहीं दिखता हैं.