आस्था और श्रद्धा के प्रतीक बद्रीनाथ के कपाट तीस अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिये खोल दिए जायेंगे. मन्दिर समिति के अधिकारियों ने बताया की बाबा बद्रीनाथ की 18 अप्रैल को तिल के तेल से महाभिषेक करने के बाद 30 अप्रैल को सुबह चार बजे ही मन्दिर के दरवाजे खोल कर पूजा अर्चना की जाएगी. जिसके बाद सभी श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर सकेंगे.
जाने क्यों बंद होते है धामों के कपाट
चूँकि सभी चार धाम ऊँची पहाड़ियों या बर्फीले इलाकों में स्थित है इस करण हर साल इन चारों धामों के कपाटों को सर्दीयों के छह महीनों में बंद कर दिए जाते है. चार धामों में से एक बद्रीनाथ गढ़वाल के हिमालयी छेत्र चमोली गाँव में है, यह गाँव 3,133 किमी की ऊँचाई पर स्थित है
सर्दियों में अत्यधिक ठंड पड़ने से स्थान बर्फ की चादर से ढक जाता है और आवागमन काफी मुश्किल हो जाता है जिस कारण श्रद्दालुओं के लिए मन्दिर को छह महीने बंद कर दिया जाता है और साल के बाकी छह महीने खोल दिया जाता है. हालांकि बाकि तीन धाम गंगोत्री,यमुनोत्री और केदार नाथ के द्वार अभी नही खुले है पर इन के भी कपाट जल्द खुलेने की आशा है.
खास
- 18 अप्रैल को होगा बाबा का तेल पूजन
- 30 अप्रैल को खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट
- चार बजे के बाद श्रद्दालु करसकेंगे बाबा के दर्शन