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प्रतिदिन प्रात: 8 बजे और शाम को 6 बजे चलाई जाएगी ऑडियो क्लीप : उपायुक्त पार्थ गुप्ता

सिरसा उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने वीरवार को अपने कार्यालय में ड्रग फ्री सिरसा मुहिम के तहत ऑडियो संदेश क्लीप लांच करते हुए कहा कि जिला सिरसा को नशा मुक्त बनाने के लिए सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं का सहयोग बहुत जरूरी है। युवाओं को नशे की बीमारी से बचाने के लिए हर नागरिक को पूरी सजगता एवं जिम्मेवारी के साथ अपना दायित्व निभाना होगा। इसके साथ-साथ जिला एवं पुलिस प्रशासन से कंधे से कंधा मिलाकर इस लड़ाई के खिलाफ एकजुट होना होगा। यह ऑडियो क्लीप सभी सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को भिजवाई जाएगी। इस अवसर पर सहायक आयुक्त (प्रशिक्षणाधीन) यश जालुका, जिला नगर आयुक्त डा. किरण सिंह, डीडीपीओ राजेश कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी नरेश बतरा आदि मौजूद थे।

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने सभी सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं से आह्वïान किया कि वे अपने-अपने संस्थानों व गुरुद्वारा, मंदिरों में इस संदेश को चलाएं ताकि हर नागरिक को नशे के दुष्परिणामों की जानकारी मिले। इसके साथ ही नगर परिषद एवं नगर पालिकाओं की डोर टू डोर कचरा एकत्रित करने वाले वाहनों पर भी यह क्लीप चलाई जाए जिससे नशे के खिलाफ इस मुहिम का संदेश घर-घर तक पहुंच सके |

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि ड्रग फ्री सिरसा मुहिम के तहत जिला विकास एवं पंचायत विभाग एवं खेल विभाग द्वारा ग्राम स्तर पर करवाए गए खेलों के बाद अब 11 जनवरी को खंड रानियां, ओढां, नाथूसरी चौपटा व ऐलनाबाद में ब्लॉक स्तरीय खेलों का आयोजन किया जाएगा। संबंधित विभाग के अधिकारी और पंच-सरपंच अधिक से अधिक युवाओं को इन खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें।

इसके साथ-साथ ड्रग फ्री सिरसा मुहिम के तहत हर माह के पहले शुक्रवार को हर कार्यालय में नशा मुक्त विषय पर शपथ दिलवाई जाती है। इसी कड़ी में 6 जनवरी को जिला के सभी कार्यालयों में नशा मुक्ति की शपथ दिलवाई जाएगी।

उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि ड्रग फ्री सिरसा मुहिम के तहत विभिन्न खंडों के 10 गांव चिन्हित किए गए हैं जिनमें झोपड़ा, शाह सतनामपुरा, तिलोकेवाला, मौजगढ, चकजालू, गोसाइआना, सूबाखेड़ा, कमाल, जीवननगर व दारियावाला शामिल है। इन गांवों में सर्वे करवाया जा रहा है, जिससे नशे में लिप्त लोगों की सही जानकारी मिल सके और उनके ईलाज के लिए कारगर कदम उठाए जा सके। इसके साथ-साथ इन गांवों में प्रशासन द्वारा विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा ताकि युवा नशे से दूर रह सके। इन कैंपों में नशे के खिलाफ संदेश के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों द्वारा नशे से दैनिक जीवन व स्वास्थ्य पर पडऩे वाले गंभीर परिणामों के बारे में भी विस्तार से बताया जाएगा।