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अनुच्छेद 370 खत्म करने पर जेएनयू में लगे भारत विरोधी नारे, वीडियो वायरल

 

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने पर जहां एक ओर सारा देश जश्न में डूबा है, वहीं देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में विरोध के सुर सुनाई दिए। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियों में जेएनयू के कुछ कश्मीरी छात्र सोमवार देर रात केंद्र सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय के विरोध में भारत विरोधी नारे लगाते दिखाई दे रहे हैं। इस मामले पर एबीवीपी ने प्रशासन को शिकायत भी दर्ज कराई है।

वी‌डियो में छात्रों का एक समूह रात के अंधेरे में विश्वविद्यालय परिसर में भारत विभाजन से पहले के संपूर्ण जम्मू-कश्मीर की फिर से आजादी की बात करते हुए कश्मीर की आजादी इस पार भी उस पार भी का नारा लगाते दिखाई दे रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित क्षेत्र बनाकर हमें उस पार से अलग कर रही है। कश्मीरी छात्रों ने कहा कि आजादी से पहले जो पूरा जम्मू-कश्मीर था हम उसकी मांग करते हैं। छात्र भारतीय सेना को बलात्कारी और जालिम भी बता रहे हैं।

विरोधी छात्रों ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अनुच्छेद 370 को वापस लेने की मांग की। उन्होंने इस फैसले को कश्मीरियों के लिए काला दिन बताते हुए कहा कि यह उनकी आजादी पर अंकुश है। वायरल वीडियो में कुछ छात्र कैमरे पर आने से कतराते हुए भी नजर आ रहे हैं।

इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया में तेजी से प्रतिक्रियां आने लगी हैं। कईयों ने ट्विट किया है कि जेएनयू से कथित क्रांति का झंडा बुलंद करने वालों की भाषा बेहद आपत्तिजनक है। जेएनयू प्रशासन और सरकार को इसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है।

एबीवीपी की जेएनयू छात्र इकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए आरोप लगाया कि जेएनयू छात्रसंघ के बैनर तले वामपंथी संगठनों और कुछ कश्मीरी छात्रों ने आधी रात कैम्पस परिसर में जुलूस निकाला और आपत्तिजनक नारे लगाए।

एबीवीपी का आरोप है कि जेएनयू छात्रसंघ द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में जेएनयू अध्यक्ष, महासचिव ने भारतीय सेना और संविधान का अपमान करते हुए भारत से कश्मीर की आजादी के नारे लगाए। इस मामले पर एबीवीपी ने प्रशासन को शिकायत दर्ज भी कराया है।

गौरतलब है कि तीन साल पहले जेएनयू तब चर्चा में आया था, जब 9 फरवरी 2016 को कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाए गए थे। उस दौरान भी आजादी के नारे बुलंद किए गए थे।