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कोरोना की वजह से अमेरिका को लगा तगड़ा झटका, 14 दिन में इतने करोड़ अमेरिकी हुए बेरोजगार

कोरोना का कहर तेजी से दुनिया को मंदी की तरफ ले जा रहा है. इस बात का जिक्र खुद आईएमएफ से लेकर वर्ल्ड बैंक तक ने किया है. दुनिया मंदी की तरफ जा रही है इसका अंदाजा इसी बात से भी लगाया जा सकता है कि किसी तरह से दुनिया भर के बाजार तेजी से नीचे आ रहे हैं.

भारत पर कोरोना का कहर दूसरे देशों के मुकाबले कम देखने को मिल रहा है. फिर चाहे वो आर्थिक तौर पर हो या फिर इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या हो. भारत अभी काफी अच्छी स्थिती में हैं. कोरोनावायरस से मौत की संख्या स्पेन, इटली और न्यूयॉर्क में बहुत तेज गति से आगे बढ़ी है.

दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका भी इसके सामने घुटने टेकते नजर आ रहा है. अमेरिका में तेजी से ये वायरस पैर पसार रहा है. अमेरिका में कुल 2 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हैं. तो वहीं तकरीब 4 हजार के करीब लोग इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं..

आईएमएफ के मुताबिक इस वायरस का अभी कोई इलाज नहीं है. इस वायरस को अगर फऐलने से रोकना है तो लोगों को एक दूसरे से दूरी बनाकर रखनी होगी. यानी की लोगों को सोशल डिस्टानेसिंग का पालन करना होगा. इस सोशल डिस्टेंस का पालन करने के लिए ही सभी देश अपने देशों में लॉकडाउन लगा रहे हैं. ताकि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके. तो वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने देश में लॉकडाउन लगाने से इनकार कर दिया है.

बता दें कि अमेरिका में कोरोना की वजह से पिछले 24 घंटे में करीब एक हजार लोगों की मौत हो गई है. कोरोना से निपटने के लिए अमेरिकी सैनिक अस्पताल तैयार करने में लगे हुए हैं. अमेरिका ने अपने कई शहरों में तो लॉकडाउन लगा रखा है. लेकिन नेशनल लॉकडाउन के लिए तैयार नहीं है. इसके पीछे का कारण ये माना जा रहा है राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को लगता है कि कोरोना का वजह से देश पहले ही काफी पीछए जा चुकी है. देश की इकॉनोमी काफी नीचे गिरी है. अगर ऐसे में वो देश लॉकडाउन का ऐलान करते हैं, तो कहीं चीन उस से आगे न निकल जाये और उस से सुपरवापर होने का दर्ज न छिन ले. सिर्फ इस डर से राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप लॉकडाउन के लिए तैयार नहीं हैं.

इस वायरस के प्रकोप से केवल दो सप्ताह में अमेरिका में 1 करोड़ लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. जबकि शुक्रवार तक दुनिया भर में दस लाख लोग इससे संक्रमित पाए गए. न्यूयॉर्क सिटी में सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट सबसे ज्यादा गहरा गया है, जहां एक अंतिम संस्कार घर में 185 शव पड़े थे, इसे सामान्य क्षमता से अधिक बताया जा रहा है. कोरोना से शहर में कम से कम 1,500 लोगों की मौत हो गई है.