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आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

जिला जजों के लिए जारी हुआ फरमान, अब गाड़ी पर नहीं लिख सकेंगे पदनाम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब न्यायिक सेवा के अधिकारी अपने वाहनों पर अपने पदनाम का प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है। मंगलवार को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मयंक जैन ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि सरकारी और निजी दोनों तरह के वाहनों पर पदनाम नहीं लिखा जा सकेगा।

चीफ जस्टिस गोविंद माथुर के निर्देश पर ये अधिसूचना जारी की गई है। सूचना प्रदेश के सभी जिला जजों, ओएसडी और अधिकारियों को भेज दी गई है। गौरतलब हो कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में निजी गाड़ियों पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखने पर भी रोक लगा दी गई थी। इस आदेश में चार पहिया वाहनों के साथ दो पहिया वाहन भी शामिल हैं।

इस आदेश के बाद अब कोई भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अपनी निजी गाड़ी पर उत्तर प्रदेश सरकार नहीं लिखवा सकेगा। क्योंकि सरकार के निर्देश के बाद अब ऐसी गाड़ियों पर एआरटीओ और यातायात विभाग कार्रवाई करेगा। बताते चलें कि मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक गाड़ी के नंबर प्लेट पर गाड़ी के नंबर के अलावा और कुछ भी नहीं लिखा जा सकता है। जिसके लिए कई मानक भी निर्धारित किए गए हैं।