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आचार्य बालकृष्ण को हार्ट अटैक, ऋषिकेश एम्स में भर्ती

 

 

हरिद्वार/ऋषिकेश। योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी और पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण को शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद ऋषिकेश स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है। एम्स द्वारा जारी मेडिकल हेल्थ बुलेटिन में कहा गया है कि वह अगले 48 घंटे तक निगरानी में रहेंगे।

आचार्य बालकृष्ण को शुक्रवार दोपहर हरिद्वार स्थित पतंजलि ऑफिस में काम के दौरान सीने में दर्द हुआ, जिसके बाद उन्हें स्थानीय भूमानंद अस्पताल में ले जाया गया। यहां से डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए एम्स (ऋषिकेश) रेफर कर दिया।

एम्स द्बारा जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है कि उनकी सभी तरह की स्वास्थ्य जांच कर ली गई है। फिलहाल उनकी हालत अस्थिर है और आगामी 48 घण्टे तक उन्हें चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा।

एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ब्रहम प्रकाश ने बताया कि आचार्य बालकृष्ण को साढ़े चार बजे एम्स मे उपचार के लिए लाया गया था। यहां उनकी सभी जांच डॉक्टरों की एक विशेष टीम के सदस्यों डॉ. नीरज व डॉ. सुबोध के नेतृत्व में की गई। सभी जांचें नॉर्मल पाई गई हैं लेकिन उनकी हालत अभी अस्थिर बनी है। इसके कारण वह किसी को पहचान नहीं रहे हैं। इनकी रिपोर्ट जांच के लिए दिल्ली भी भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि आचार्य बालकृष्ण ने खाने में कोई ऐसा पदार्थ लिया है, जिसके बाद वह अचेत हो गए।

इस मामले में बाबा रामदेव ने बताया, ‘आचार्य बालकृष्ण ने शुक्रवार अपराह्न करीब दो बजे भोजन के उपरांत भक्तों द्वारा जन्माष्टमी के अवसर पर दिए गए प्रसाद के रूप में पेड़ा खाया था। उसके करीब आधा घंटा बाद उनके सीने में दर्द उठने पर उन्हें बेहोशी की हालत में देखा गया। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया जाएगा। फिलहाल अब एम्स में किए जा रहे उपचार से हम पूरी तरह संतुष्ट हैं।’

बालकृष्ण ने बाबा रामदेव के साथ मिलकर हरिद्वार में आचार्यकुलम की स्थापना की थी। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान से भी जुड़े हैं। बालकृष्ण ने संस्कृत में आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी-बूटियों के ज्ञान में निपुणता हासिल की है और इसके प्रचार-प्रसार का कार्य करते रहे हैं। आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि योगपीठ के आयुर्वेद केंद्र के माध्यम से पारंपरिक आयुर्वेद पद्धति को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। बालकृष्ण ने आयुर्वेदिक औषधियों से संबंधित कई पुस्तकें भी लिखी हैं।