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न्यायालय की अजीबोगरीब सजा पाकर खुश है आरोपित

 

 

मुंबई। न्यायालय में अपराध के लिए दोषी पाए जाने के बाद अक्सर आरोपितों के दुखी होने की तस्वीरें सामने आती है, लेकिन एक अपराध में दोषी साबित पाए जाने के बाद दो लोग सजा को खुशी खुशी काट रहे है। पालघर जिले के वसई न्यायालय ने विरार रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगों के लिए आरक्षित लिफ्ट का प्रयोग करने पर दो रेल यात्रियों को दोषी पाया है। और सजा के तौर पर दोनो को रेलवे स्टेशन पर दो दिनों तक जागरूकता अभियान चलाने की सजा सुनाई है। 

विरार आरपीएफ के प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि दोनो को विकलांगो और बुजुर्गों के लिए आरक्षित लिफ्ट का प्रयोग करते पकड़कर न्यायालय में पेश किया गया था। न्यायालय ने दोनो को रेल एक्ट की धारा 155 (ए) का दोषी पाते हुए, उन्हें सुबह 09 बजे से 11.30 बजे तक तथा शाम को 3 से 6 बजे तक आरक्षित लिफ्ट के पास जागरूकता अभियान चलाने को कहा है। दोनो के हाथों में तख्तियां रहती है। जिन पर लिखा होता था। यह लिफ्ट केवल वरिष्ठ नागरिको व विकलांगो के लिए है। दोनो न्यायालय से सजा पाकर लोगों को बड़े उत्साहित अंदाज में जागरूक कर रहे थे। न्यायालय के फैसले की खूब चर्चा हो रही है।