मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मारे गए लोगों में एक ही अस्पताल में 18 लोगों की मौत शामिल है और इसके अलावा 1600 लोग घायल हुए हैं। मुद्दता अल सद्र ने एक बयान में बताया है कि और अधिक मौतों से बचने के लिए सरकार को इस्तीपा देना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में मध्यावधि चुनाव कराए जाने चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा है कि इराक के लोगों का खून बह रहा है और वह चुप नहीं रह सकते हैं। बताते चलें कि ईराक की संसद में पूर्व शिया मिलिशिया नेता मुक्तदा अल सद्र दल के सबसे अधिक सदस्य हैं। उन्होंने अपने बयान में प्रधानमंत्री अदेल अब्देल मेहदी पर दबाव बनाया है। उनसे पहले शुक्रवार को शीर्ष आध्यात्मिक नेता अयातुल्ला अली सिस्तानी ने भी विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया था और सरकार से उनकी मांगों पर गौर करने के लिए कहा था।