Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

बीस फीसद क्षैतिज आरक्षण का सरकारी नौकरियों में महिलाओं को लाभ

 

हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने सुनाया फैसला

प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पूर्णपीठ ने सरकारी नौकरियों में बीस फीसदी महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण देने पर महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सामान्य व आरक्षित वर्ग की सीटों पर यदि मेरिट में महिला सफल घोषित होती है तो उन्हें अपने श्रेणी के 20 फीसदी कोटे में गिना जायेगा। जिस श्रेणी में कोटा पूरा नहीं होगा उसमें उस कोटे की सफल महिला को ही स्थान मिलेगा।

उस श्रेणी से महिला को चयनित करने के लिए नीचे से चयनित पुरुष बाहर हो जायेगा। चयनित महिला अपनी श्रेणी में ही रहेगी। एक वर्ग की चयनित महिला कोटा पूरा करने के लिए दूसरे वर्ग में नहीं जा सकेगी। चयनित महिला सामान्य या आरक्षित वर्ग में अपनी श्रेणी में ही जा सकेगी।

यह फैसला न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल, न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति डॉ. वाई.के श्रीवास्तव की पूर्णपीठ ने अजय कुमार की याचिका पर दो पीठों के निर्णयों में मतभिन्नता से उठे विधिक सवालों पर विचार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अनिल तिवारी ने बहस की। कोर्ट ने क्षैतिज आरक्षण को लागू करने में आ रही दिक्कतों को दूर कर दिया है। ताकि भविष्य में महिला आरक्षण लागू करने में कोई कठिनाई न आये।

कोर्ट ने महिलाओं को अपनी श्रेणी में आनुपातिक प्रतिनिधित्व देने में आ रही दिक्कतों को दूर कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि घोषित रिक्तियों का 20 फीसदी महिला आरक्षण होगा और यह सामान्य व आरक्षित वर्ग में समान रूप से लागू होगा। महिला मेरिट में चयनित होने के बावजूद अपनी श्रेणी के कोटे में गिनी जायेगी। एक वर्ग की चयनित महिला दूसरे वर्ग में नहीं जा सकेगी। कोर्ट ने विधि प्रश्न तय करते हुए याचिका नियमित पीठ के समक्ष भेज दिया है और आदेश की प्रति मुख्य सचिव को अनुपालनार्थ भेजे जाने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने कहा है कि महिला एक विशेष वर्ग है। यह एक अलग सामाजिक श्रेणी है। यह दो स्तर पर होगी। पहला मेरिट लिस्ट में चयनित महिला को अपने वर्ग में शामिल किया जायेगा। जिस वर्ग में कोटे के सीट भरी नहीं होगी उस श्रेणी की महिला का चयन किया जायेगा और वह अंतिम चयनित पुरुष का स्थान ले लेगी। यदि सामान्य वर्ग की 20 फीसदी महिला मेरिट में चयनित है तो उसमें कोटा लागू करने की जरूरत नही होगी। एससी, एसटी या ओबीसी जिस कोटे की महिला सीट कोटे की खाली होगी, उस वर्ग की महिला का चयन किया जायेगा। इस प्रकार कुल विज्ञापित सीटों का 20 फीसदी महिला आरक्षण पूरा किया जायेगा।