बात जब भारतीय फुटबॉल टीम की हो तो इसमें कोई दो राय नहीं कि कानों में मौजूदा दौर का सबसे प्रचलित नारा ” बनना पड़ेगा फैन ” गूंजने लगता है। पुरुष भारतीय फुटबॉल टीम बीते गुरुवार 18 साल बाद एएफसी कप खेलने यूएई पहुंच चुकी हैं। इसे पहले तीन दफा यानी सन् 1964, 1984 और 2011 में भारतीय फुटबॉल टीम इस कप का हिस्सा रह चुकी है।
1964 में एएफसी कप का फाइनल खेली थी भारत
एएफसी कप की शुरुआत सन् 1956 में हुई थी। इस कप में एशिया की बड़ी टीमें, एशिया का फुटबॉल बादशाह बनने की जंग लड़ती हैं। अब तक 1964 का फाइनल खेलना ही भारत का इस कप में सबसे उम्दा खेल रहा है। दरअसल इस वर्ष(1964) राजनीतिक दिक्कतों के कारण सिर्फ चार टीमें ही हिस्सा ले पाई थी, जिसमें भारत दूसरे पायदान पर रहा था।
मेजबान के ग्रुप में है भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम
इस बार भारत ग्रुप ए में होस्ट यूएई के अलावा थाईलैंड और बहरैन के साथ है। जहाँ 6 जनवरी 2019 को भारत इस कप का पहला मुकाबला थाईलैंड के विरुद्ध खेलेगा वहीं 10 जनवरी को होस्ट यूएई भारत के सामने होगी। 14 जनवरी को भारत अपने ग्रुप का आखिरी मुकाबला खेलेगी, जिसमें उसके सामने होगी बहरैन।
आसान नहीं होगा ग्रुप स्टेज क्लियर करना
भारत एएफसी कप के आगाज़ से पूर्व 27 दिसंबर को ओमान के खिलाफ अभ्यास मैच भी खेलेगा। भारत इस कप का अपना पहला मुकाबला 6 जनवरी 2019 को खेलेगा, जिसमें उसके सामने होगी थाइलैंड। 1962 से 2010 तक भारत ने थाईलैंड के खिलाफ कुल 23 मुकाबले खेले हैं। जिसमें 5 में भारत को और 11 में थाईलैंड के सिर जीत का ताज सजा है। जबकि 7 मुकाबले बिना नतीजे ही खत्म हुए है। आकड़े की माने तो टीम इंडिया का रास्ता आसान नहीं होगा।
यूएई के खिलाफ भी बुरा हाल
वहीं दूसरे मुकाबले को ध्यान में रख अगर मेजबान यूएई के खिलाफ भारत के प्रदर्शन की बात करे तो यहाँ भी मामला डामाडोल है। 1979 से 2011 तक यूएई के खिलाफ खेले गए कुल 13 मुकाबलों में से कुल 2 भारत के पक्ष में रहे तो 8 यूएई के। जबकि 3 मुकाबले बिना किसी नतीजे के समाप्त हुए।
बहरैन से एक भी मुकाबला नहीँ जीता है भारत
वहीं भारत को अपना आखिरी मुकाबला उस टीम के खिलाफ खेलना हैं जिन्हें 1982 से अब तक भारत पराजित नहीं कर पाई हैं। बहरैन के खिलाफ खेले गए 5 मुकाबलों में 1 ड्रा रहा ,जबकि बाकी 4 मुकाबलों में भारत को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन सभी भारतीय फुटबॉल प्रेमियों की नज़र आने वाली 6 तारीख पर टिकी है और भारतीय टीम के मौजूदा प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए भारतीय टीम से काफी उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
क्या कहा भारतीय फुटबॉल टीम के हेड कोच स्टीफेन कांस्टेनटाइन ने?
यूएई एयरपोर्ट पर भारतीय टीम को लेने पहुँची इंडियन एम्बेसी। उसके अलावा अपनी टीम का मनोबल बढ़ाने बहुत से फैन भी वहाँ मौजूद थे। स्टीफेन ने एम्बेसी का सुक्रिया करते हुए वहाँ मौजूद भारतीय फुटबॉल प्रेमियों का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने यह भी बताया कि “टीम का वातावरण काफी अच्छा है और हम इसका फायदा मैदान जरूर उठाएंगे।” आगे बात बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि “एशिया की बड़ी टीमों के खिलाफ खेलने को सब उत्सुक है और 2015 से अब तक हम काफी लंबा सफर तय कर चुके हैं।”