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सपा परिवार बिखर गया इसीलिए वह कांग्रेस की शरण में जा बैठे- पीएम मोदी

Lakhimpur/Dev Srivastava: आजादी के बाद हमारा देश और प्रदेश कहां पहुंचना चाहिए था। किन-किन समस्याओं से मुक्ति मिल जानी चाहिए थी। देश-प्रदेश ने कई दलों की सरकार देखी। यह बात देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखीमपुर के राजकीय इंटर कालेज खेल प्रांगण में आयोजित विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए कही।

 

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 चुनावि सभा में पीएम मोदी ने जो कहा

  • उन्होंने कहा कि चुनाव में प्रदेश की जनता ने सारा हिसाब चुकता करके दिखा दिया है।
  • खुद को दिग्गज मानने वाली पार्टियों को प्रदेश की जनता ने साफ कर दिया।
  • आखिरकार पूरी ताकत केवल कुनबे को मिलाने में लग गई। फिर भी कांग्रेस को केवल दो, सपा को पांच ही सीटें मिलीं। शेष सीटों पर जनता ने भाजपा के प्रत्याशियों को जिताया।
  • चुनाव के बाद अन्य दलों के लिए खतरे की घंटी बज गई थी।
  • किसान हित में कुछ नहीं किया। नतीजन जनता ने सपा को एक भी सीट पर जीत न दर्ज कर पाने की सजा दी।
  • सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि 2014 से पहले अखिलेश यादव की छवि ठीक थी।
  • लोगों को उम्मीद थी कि नौजवान मुख्यमंत्री कुछ तो करेगा ही। इसके बाद लोगों का भला करने की बजाए गठबंधन के कारोबार में लग गए। परिवार भी बिखर गया। इसीलिए वह कांग्रेस की शरण में जा बैठे।
  • जिस राम मनोहर लोहिया ने जीवन भर कांग्रेस से युद्घ लड़ा उन्हें भी इन्होंने शर्मिंदा कर दिया।
  • हर प्रदेश 12 से 20 बलात्कार, 15 से 17 हत्याएं होती हैं। हर घटना के पीछे राजनीति की बू आती है।
  • अपराधी जेल के अंदर से गैंग चलाते हैं, हत्यायें कराते हैं। निर्देषों का कत्ल होता है। अपहरण किए जाते हैं। दंगे में इलाके झुलसते हैं।
  • मायावती पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके शासन में चीनी मिल की नीलामी से बड़ा तूफान खड़ा हुआ। मायावती पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
  • अखिलेश ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि सरकार आने पर वह भ्रष्टाचार की जांच करवाएंगे।
  • पांच साल बीत गए लेकिन जांच नहीं हुई। क्या यही काम बोलता है। 
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार जातिपात या सम्प्रदाय की नहीं और न ही पश्चिमी उप्र की होती है। सरकार हर किसी की होती है। सबसे पहले गरीबों, गांवों, किसानों, दलितों, शोषित, वंचित, महिलाओं और नौजवानों का भविष्य संवारना सरकार का लक्ष्य होना चाहिए। लेकिन गठबंधन करने वाले दोनों एक ही तरह के हैं।
  • दोनों गुण-अवगुण समान हैं इसलिए उनका मेलजोल हो गया।
  • शासन-सत्ता पर बोलते हुए कहा कि यहां के अफसर ही कहते हैं कि डीएम बनने के लिए सरकार को 70 लाख रुपए का नजराना देना पड़ता है। क्या यही काम बोलता है।
  • तबादले से लेकर पोस्टिंग तक के लिए ही रुपए खर्च करने नहीं पड़ते हैं बल्कि नौकरियां देने के नाम भर भी लाखों का खेल चलता है। लोग अपना प्लाट, गहने और जमीन तक इस घूस की खातिर बेंचते हैं।

1चप्पा-चप्पा भाजपा

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन कार्यक्रम 11 बजे था लेकिन बाद में परिवर्तन करते हुए उसे एक बजे कर दिया गया।
  • कार्यक्रम परिवर्तन के बावजूद लोग सुबह से ही जनसभा स्थल पहुंचने शुरू हो गए। करीब दस बजे तक ही हजारों की संख्या में लोग कार्यक्रम स्थल आ गए थे।
  • इसके बाद हर क्षेत्र से कई-कई बसों, चार पहिया वाहनों व बाइकों आदि से लोग जिला मुख्यालय आए। भीड़ का आलम यह रहा कि 12 बजे ही जीआईसी खेल प्रांगण के गेट को बंद करना पड़ा।
  • मोदी की झलक पाने का ही आलम था कि लोग ऊंचे स्थानों व गेट के बाहर से ही उन्हें निहार रहे थे। जाते समय भी लोगों की भीड़ पुलिस लाइन की दीवार के पास बने डीएम बंगले के करीब जमा थी। 

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