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16 साल की ग्रेटा ने दुनिया के नेताओं को क्यों डांटा

 

 

जलवायु परिवर्तन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र में भाषण देने से पहले 16 साल की लड़की ग्रेटा थनबर्ग ने अपने भाषण से लोगों को झकझोर कर रख दिया। 16 साल की एक ऐक्टिविस्ट ने दुनियाभर के नेताओं को अपनी चिंताओं और सवालों से सभी को विस्मित कर दिया।

ग्रेटा ने नेताओं पर कुछ न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आपने हमें असफल कर दिया। युवाओं की नजरें आप लोगों पर हैं और अगर हमें फिर असफल किया तो कभी माफ नहीं करेंगे। हम आपको जाने नहीं देंगे।

ग्रेटा थनबर्ग ने यूएन महासचिव के सामने वर्ल्ड लीडर्स से कहा कि आपने हमारे बचपन, हमारे सपनों को छीन लिया। आपकी हिम्मत कैसे हुई? तो सभी निरूत्तर थे। बच्ची भावुक थी और उसके शब्दों ने सबको झकझोर दिया।

ग्रेटा ने युवा पीढ़ी की आवाज को दुनिया के सामने रखते हुए रहा, हमें समझ आ रहा है कि जलवायु परिवर्तन पर आपने हमें छला है और अगर आपने कुछ नहीं किया तो युवा पीढ़ी आपको माफ नहीं करेगी।

आंखों में आंसू लिए और गुस्से में नजर आ रहीं ग्रेटा ने कहा, आपने हमारे सपने, बचपन अपने खोखले शब्दों से छीना. मैं भाग्यशाली हूं। लेकिन लोग झेल रहे हैं, मर रहे हैं, पूरा ईको सिस्टम बर्बाद हो रहा है।

दुनियाभर के लाखों छात्र एक साथ इकट्ठा होकर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस पूरे आंदोलन का नेतृत्व महज 16 साल की लड़की कर रही हैं।

लड़की का नाम है ग्रेटा टुनबर्ग. छात्रों के इस आंदोलन का नाम है फ्राइडेज फॉर फ्यूचर (Fridays for future) है। ग्रेटा काफी सहासी है उसने देश के कई नेताओं को खरी खोटी सुनाई है।

2003 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में जन्मी ग्रेटा का नाम मैलेना अर्नमन है। वह स्वीडन में एक ओपेरा सिंगर हैं। ग्रेटा के पिता एक एक्टर हैं और उनका नाम स्वांते टनबर्ग है।

वहां मौजूद दुनियाभर के तमाम नेता सकते में आ गए। गुस्से और दुख से भरे अपने भाषण में ग्रेटा ने वैश्विक नेताओं पर आलस और निष्क्रियता की वजह से अपनी पीढ़ी के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।