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होली स्पेशल:इन जगहों पर मनाएं होली की छुट्टियाँ,त्यौहार होगा ख़ास

लाइफस्टाइल डेस्क|

होली 21 मार्च को है और इस दिन गुरुवार है। ऐसे में होली, दुल्हैंडी के बाद आपको शनिवार और रविवार की भी छुट्टी मिल रही है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि इस की होली के साथ खास यादों को जोड़ा जाए तो इन स्पेशल जगहों पर आप अपने घूमने और होली वहीँ होली मनाने के प्लान हरों की लिस्ट, जहां होली की धूम में शामिल होने देश के कोने-कोने के साथ ही विदेशों से भी लोग पहुंचते हैं…

                              बरसाने की लठमार होली

बरसाने की लठमार होली

दुनियाभर में प्रसिद्ध है बरसाने की लठमार होली.जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि यह होली लठ (लाठी या डंडा) से भी खेली जाती है। मथुरा के पास स्थित बरसाना में यह त्योहार पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है। बरसाना की इस होली को खेलने के लिए भारत के अनेक हिस्सों के साथ-साथ विदेशों से भी लोग आते हैं। यह होली इसलिए भी फेमस है क्योंकि यहां त्योहार का आनंद लेने के लिए लोग रंगों के साथ-साथ लट्ठ का भी प्रयोग करते हैं। लठमार होली की शुरुआत होली के मुख्य पर्व से एक सप्ताह पहले होती है। इस साल इसकी शुरुआत 15 मार्च से होगी। अगले दिन यह सेलिब्रेशन नंदगांव में पहुंचता है। लठमार होली से दो दिन पहले बरसाना पहुंचना ठीक रहता है क्योंकि इससे आप लड्डू होली का आनंद ले सकेंगे। इसमें लोग एक-दूसरे पर मिठाई (लड्डू) फेंकते हैं। साथ ही राधा-कृष्ण के भजन गाए जाते हैं।

ऐसे पहुंचे: दिल्ली से सीधे बरसाना जाने के लिए 9 सीधी ट्रेनें हैं। आप कोई भी चुन सकते हैं। इसके अलावा बस से इस सफर को तय करने में 4 घंटे का समय लगता है।

                                                मथुरा-वृंदावन की फूलों वाली होली

मथुरा-वृंदावन की फूलों वाली होली

लठमार होली की तरह ही यह होली भी विश्व भर में लोकप्रिय और प्रसिद्ध है। इसमें लोग लठ के बजाय फूलों से खेलते हैं। यह होली पूरे सप्ताह तक चलती है और इसे खेलने के लिए दुनियाभर से सैलानी आते हैं। इसका सेलिब्रेशन वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर से शुरू होता है। इस बार 17 मार्च को एक-दूसरे पर फूल फेंकने से इसकी शुरुआत होगी।

ऐसे पहुंचे: दिल्ली से मथुरा सफर के लिए लगातार ट्रेनों की सुविधा उपलब्ध है, जो आपको डेढ़ से दो घंटे के अंदर मथुरा छोड़ देती हैं। बात करें बस की तो आपको 183 किलोमीटर के इस सफर के लिए लगभग 3.5 घंटे लगेंगे।

                                                              होली:शांतिनिकेतन,पश्चिम बंगाल

शांतिनिकेतन,पश्चिम बंगाल 

पश्चिम बंगाल में होली को बसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत प्रसिद्ध बंगाली कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। यह विश्व भारती यूनिवर्सिटी में खेली जाती है। यहां के छात्र आने वाले सैलानियों के लिए कई अनोखे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। इस दौरान लोगों पर रंग और गुलाल भी डाला जाता है। इस त्योहार का बंगाल की संस्कृति में एक खास महत्व है। बता दें कि इस साल कार्यक्रम की शुरुआत 20 मार्च से होगी।

ऐसे पहुंचे: अगर इस साल आप होली का त्योहार पश्चिम बंगाल में इंजॉय करना चाहते हैं तो इसके लिए आप ट्रेन का ही चुनाव करें। लगभग 1400 किलोमीटर की इस यात्रा के लिए दिल्ली से लगभग 8 लॉन्ग डिस्टेंस ट्रेनें चलती हैं।

                                                                            होली:आनंदपुर साहिब, पंजाब

आनंदपुर साहिब, पंजाब

अगर आप पंजाबी स्टाइल में होली का त्योहार मनाना चाहते हैं तो आप आनंदपुर साहिब जाने का प्लान बना सकते हैं। सन 1701 में होला मोहल्ला त्योहार की शुरुआत हुई थी। इस त्योहार में सिख समुदाय के लोग कुश्ती, मार्शल आर्ट्स और तलवारों के साथ कई करतब दिखाते हैं। इस साल यह त्योहार 20 से 24 मार्च तक चलेगा।

ऐसे पहुंचे: पंजाब टूरिज्म होली के लिए 4 दिन का एक पैकेज देता है। दिल्ली से सीधे आनंदपुर साहिब जाने के लिए 3 ट्रेनें हैं। आप अपने समय और सहूलियत के हिसाब से यात्रा प्लान कर सकते हैं। बात करें बस की तो लगभग 315 किलोमीटर के इस सफर के लिए आप पंजाब रोडवेज की अनेक बस सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं।