Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

हिंसक प्रदर्शनों के बाद ट्यूनीशिया के कई शहरों में सेना तैनात

अरब क्रांति का जनक ट्यूनीशिया फिर हिंसा की चपेट में है। सरकार के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। लोगों ने बेरोजगारी, करों और बढ़ती कीमतों को लेकर कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन किया। इसे देखते हुए हिसा प्रभावित शहरों में सेना तैनात करनी पड़ी है। प्रदर्शनकारी सरकारी इमारतों को निशाना बना रहे हैं। अब तक 330 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए गए हैं।

चश्मदीदों के अनुसार, अल्जीरियाई सीमा के समीप स्थित थाला शहर में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा बल की इमारत में आग लगा दी। इसके चलते पुलिस को शहर से पीछे हटना पड़ा। इस घटना के बाद वहां सैनिकों को भेजा गया है। उत्तर अफ्रीकी इस देश में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी बीते सोमवार से देश के केबली, बिजर्ते समेत कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने पर्यटक शहर सॉसे में भी जमकर उपद्रव किया। पर्यटक द्वीप जेरबा के एक यहूदी स्कूल पर भी पेट्रोल बम से हमला किया गया। प्रधानमंत्री युसूफ चाहेड ने विपक्ष पर हिसा भड़काने का आरोप लगाया है।

क्रांति के बाद भी नहीं बदली तस्वीर-

वर्ष 2011 में ट्यूनीशिया से ही अरब क्रांति की शुरुआत हुई थी। इसके चलते उस समय 24 साल से सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति जाइन अल-आबिदीन बेन अली को सऊदी अरब भागना पड़ा था। वह 1987 से देश पर शासन कर रहे थे। लेकिन उनके अपदस्थ होने के बाद इस अरब देश में छह साल में नौ प्रधानमंत्री बदल चुके हैं। इनमें से कोई भी देश की बढ़ती आर्थिक समस्याओं का हल नहीं निकाल सका।