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हरदोई में आर्थिक तंगी से त्रस्त महिला ने अपनी बच्ची को किया दफन

हरदोई। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है जहां पति की मौत के बाद आर्थिक तंगी और भुखमरी के कारण मानसिक अवसाद से जूझ रही एक महिला ने अपनी तीन साल की कुपोषित बच्ची को मरने के लिए एक गड्ढे में दफ़न कर दिया।

घटना बुधवार की बताई गई है। महिला की इस हरकत को कुछ गांव वालों ने देख लिया जिसके बाद कुपोषण का शिकार हुई तीन साल की बच्ची को गड्ढे से बाहर निकालकर बचा लिया और पुलिस व चाइल्डलाइन को सूचना दी। मौके पर पहुंची चाइल्डलाइन की टीम ने मां से बातचीत करने और उसकी मानसिक स्थिति को देखकर कुपोषित बालिका को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया है जहां बालिका का उपचार चल रहा है।

इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन की तरफ से जिला प्रोवेशन अधिकारी की सफाई भी आई है जिसमे कुपोषित बालिका की मां को मानसिक अवसाद से ग्रस्त बताकर बालिका और उनके परिवार की सहायता का दावा किया गया है। प्रशासन ने आर्थिक तंगी और भुखमरी के कारण महिला द्वारा बच्ची को ज़िंदा दफ़न करने की खबरों को भ्रामक बताया है। वही कुपोषित बच्ची और उनके परिवार को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का दावा भी किया जा रहा है।

मामला हरदोई के लोनार थाना क्षेत्र के सकरौली गांव का है जहा के निवासी भगवानदीन ने दस वर्ष पूर्व बिहार की रहने वाले राजकुमारी के साथ शादी कर ली। भगवानदीन के तीन बच्चे धर्मवीर, नंदनी और सबसे छोटी तीन वर्ष की मधु हैं।

कैंसर की बीमारी से पीड़ित भगवानदीन की दो वर्ष पूर्व मौत हो गई। उसके इलाज में खेत का काफी हिस्सा बिक गया था। परिवार में पत्नी राजकुमारी और तीनों बच्चे अनाथ हो गए। राजकुमारी बच्चों के साथ गांव में ही रहने लगी।

आर्थिक तंगी और भुखमरी के कारण उसकी तीन साल की बालिका कुपोषित हो गई। कुपोषित बच्ची के कारण वह परेशान रहने लगी। मानसिक अवसाद से जूझ रही महिला ने बालिका की हालत देखकर मगलापुर के बाहर एक गड्ढे में बच्ची को दफन कर दिया था। बच्ची को उसकी मां द्वारा ज़िंदा दफ़न की सूचना चाईल्ड हेल्प लाईन को दी गई जिसके बाद मौके पर टीम पहुंची और पूरे मामले की ग्रामीणों से जानकारी ली।

ग्रामीणों ने बताया कि महिला ने बच्ची को दफन कर दिया था, जिसे बाहर निकाल लिया गया है और वह अभी जिंदा है। जिसके बाद चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्ची को जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास में भर्ती कराया, जहां पर उसका इलाज चल रहा है।

इस पूरे मामले को लेकर प्रसाशन की तरफ से जिला प्रोवेशन अधिकारी एसके सिंह की तरफ से लिखित सफाई जारी हुई है जिसमे महिला को मानसिक अवसाद का मरीज बताते हुए उसके पास खेती के अलावा राशन की दुकान से राशन लेने और वाल विकास विभाग की तरफ से बच्चो को सुविधा दिए जाने की बात कही गई है।

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