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सिर्फ बसपा ही भाजपा को रोकने में सक्षम : मायावती

वैसे तो आज मौका था 61वें जन्मदिन का लेकिन बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केक काटने के बजाय विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बिना किसी का नाम लिये अल्पसंख्यकों को सूबे में भाजपा की सरकार बनने का डर दिखाते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी तो खत्म हो चुकी है और अगर भाजपा को सत्ता में आने से रोकना है तो बसपा को वोट करे।15_01_2017-15-01-2017--up

मायावती ने अपने जन्मदिन समारोह में स्पष्ट तौर पर कहा कि भाजपा को प्रदेश में सिर्फ बहुजन समाज पार्टी ही सत्ता में आने से रोकने में सक्षम है। समाजवादी पार्टी तो रार में फंसी है। इसके बाद भी सपा तथा कांग्रेस गठबंधन करके भी भाजपा को रोक नहीं सकते। बसपा सुप्रीमो ने भाजपा पर बसपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए घिनौने हथकंडे अपनाने का भी आरोप लगाया है। मायावती ने कहा कि पार्टी के लोगों का उनके लिए सूबे में बसपा की सरकार और उत्तराखंड व पंजाब में पहले से बेहतर नतीजे ही जन्मदिन का कीमती तोहफा होगा।

पार्टी मुख्यालय, माल एवेन्यू में मायावती के जन्मदिन पर प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई थी। पांच राज्यों के चुनावी माहौल के बीच बसपा प्रमुख ने तकरीबन 65 मिनट तक लगभग सभी मुद्दों पर अपनी बात तो रखी लेकिन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। केक न काट, सादगी से जन्मदिन मनाने का एलान कर मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह शाही अंदाज में सरकारी धन का दुरुपयोग कर जन्मदिन नहीं मनाती। चुनाव आचार संहिता का जिक्र करने के साथ ही मायावती ने कहा कि नोटबंदी के हालात में पार्टी कार्यकर्ता सादगी से जन्मदिन मना रहे हैं।

सपा एक परिवार, समुदाय व क्षेत्र की पार्टी

मायावती ने सपा को एक परिवारवादी, समुदाय व क्षेत्र विशेष की पार्टी बताते हुए कहाकि वह गुण्डे और माफिया की ही पार्टी मानी जाती है जिससे सूबे में जंगलराज बरकरार है। ऐसे में इस सरकार के दागी चेहरे अखिलेश यादव को क्या जनता फिर चुनेगी? उन्होने कहा कि परिवारिक झगड़े के चलते अखिलेश-शिवपाल के अलग-अलग या मिलकर चुनाव लडऩे पर भी बेस वोट एक साथ नहीं रहेगा। बसपा प्रमुख ने कहा कि जनता को गुमराह करने के लिये विरोधी पार्टियां तरह-तरह का षडयंत्र रच रही हैं।

सपा का कांग्र्रेस व रालोद आदि से गठबंधन को पडयंत्र का हिस्सा बताते हुए मायावती ने कहा कि इससे भी भाजपा रुकने वाली नहीं है। भाजपा, सपा व कांग्रेस अपने पक्ष में माहौल बनाने को परिवर्तन यात्रा, रथ यात्रा, खाट सभा जैसे हथकंडे अपना रही हैं लेकिन जनता इन्हें गंभीरता से नहीं ले रही है। भाजपा ने तो लोकसभा चुनाव के वादों में से भी एक-चौथाई पूरे नहीं किए हैं।

इससे खासतौर से सूबे की आक्रोशित जनता का ध्यान हटाने को अपने पुराने मित्र सपा से मिलकर नाटकबाजी नहीं छोड़ रहे हैं। नोटबंदी के फैसले पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि इससे 150 लोग मर चुके हैं। किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं। 90 फीसद जनता अब तक नोटबंदी के संकट से उबर नहीं सकी है। बसपा प्रमुख ने कहा कि ऐसे में विरोधियों के किसी तरह के हथकंडे से गुमराह हुए बिना जनता बेदाग चेहरे वाली बसपा को वोट दे क्योंकि बसपा का बेस वोट उसके साथ ही रहता है।

दूध के धुले हैं तो हिसाब दें

मायावती ने केंद्र की भाजपा सरकार पर नोटबंदी के मामले में बसपा और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि अगर भाजपा नेता और उसके चहेते दूध के धुले हैं तो नोटबंदी के 10 माह पहले से बाद तक का पूरा हिसाब दें। देश के 300 सर्वोच्च राजनेताओं व उनके परिवारों की राजनीति में आने से पहले व बाद की संपत्ति का भी खुलासा किया जाए। हिसाब उजागर न करने से इनके हरिश्चंद्र, ईमानदार और बेदाग होने का पर्दाफाश हो जाएगा। ऐसा न कर भाजपा नेताओं को कुछ भी टिप्पणी करने का नैतिक अधिकार नहीं है। मायावती ने कहा कि वास्तव में बसपा की मजबूती देख उसे सत्ता में आने से रोकने के लिए ही भाजपा अब मीडिया के एक वर्ग को मैनेज कर उनके परिवार की खबरें दिखा रही है, नहीं तो भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकाल में पहले उसे कोई कमी क्यों नहीं दिखी? बसपा सुप्रीमो ने इसे दलित विरोधी मानसिकता करार देते हुए कहा कि भाजपा के ऐसे घिनौने हथकंडे से उन्हें फायदा हो रहा है इसलिए वह सफाई देने के बजाय भाजपा का आभार प्रकट करती हैं। मायावती ने कहा कि केंद्र के कालाधन का हिसाब न देने से साफ है कि नोटबंदी का फैसला वास्तव में राजनीतिक स्वार्थ के लिए लिया गया। राष्ट्रवाद व देशभक्ति से जोड़कर मोदी सरकार द्वारा किए जाने वाले ऐसे फैसले से देश की जनता दहशत में है।

अब बुरे दिन के लिए तैयार रहे भाजपा

मायावती ने कहा कि अच्छे दिन न लाने वाली भाजपा अब बुरे दिन के लिए तैयार रहे। उन्होंने भाजपा के तानाशाही रवैये का जिक्र करते हुए कहा कि बुरे काम पर कांग्रेस की तरह ही जनता, भाजपा को भी जवाब देगी। अपने पक्ष में सर्वे आदि दिखाकर कुछ समय काम चलाया जा सकता है लेकिन बिहार की तरह पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जवाब देने के लिए जनता तैयार है।

बसपा प्रमुख ने कहा कि चुनाव के मद्देनजर भाजपा, सपा व कांग्रेस अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए परिवर्तन यात्रा, रथ यात्रा, खाट सभा जैसे तमाम हथकंडे अपना रही है लेकिन प्रदेश की जनता इन्हें गंभीरता से नहीं ले रही है। भाजपा ने तो लोकसभा चुनाव के वादों में से भी एक-चौथाई पूरे नहीं किए हैं। इससे खासतौर से सूबे की आक्रोशित जनता का ध्यान हटाने को अपने पुराने मित्र सपा से मिलकर नाटकबाजी नहीं छोड़ रहे हैं। नोटबंदी के फैसले पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि इससे 150 लोग मर चुके हैं। 90 फीसद जनता अब तक नोट बंदी के संकट से उबर नहीं सकी है।

जन्मदिन पर मायावती ने ब्लू बुक का किया विमोचन

विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते बसपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के 61वें जन्मदिन को पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने अबकी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व पंजाब को छोड़कर देशभर में जन-कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया। सूबे के सभी विधानसभा क्षेत्रों में कुछ हद तक सादगी के साथ आयोजित जन्मदिन समारोह में केक काटा गया। हालांकि, आचार संहिता के मद्देनजर इस बार गरीबों व असहायों की विभिन्न रूप में मदद नहीं दी गई। इस अवसर पर केंद्र की भाजपा व राज्य की सपा सरकार की विफलताएं गिनाने के साथ ही पूर्व की बसपा सरकार के कार्यों को बताते हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की सरकार बनाने का संकल्प लिया गया।

जन्मदिन के मौके पर माल एवेन्यू स्थित पार्टी मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेस में पसंदीदा हल्के गुलाबी रंग के सलवार सूट और गोल्डन कलर का कोट पहनकर पहुंची मायावती ने खुद की लिखी ‘मेरे संघर्षमय जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ (ब्लू बुक) के बारहें भाग के हिन्दी व अंग्रेजी संस्करण का विमोचन किया। ब्लू बुक में पिछले एक वर्ष के दौरान पार्टी की गतिविधियों का पूरा लेखा-जोखा है। जन्मदिन पर मायावती को राज्यपाल राम नाईक ने गुलदस्ता भेजा और फोन पर बधाई दी।

 

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