लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि अब लोगों का कैश का नहीं, चुनाव का इंतजार है। नोटबंदी का फैसला लागू हुए एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन हालात बद से बदतर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों और एटीएम के सामने लाइनों में लगे लोगों के सब्र का बांध अब टूट चुका है। गुस्से से भरे लोगों को अब चुनाव का इंतजार है। लोग पूछ रहे हैं कि जिनके लिए नोटबंदी हुई वे पैसे कहां हैं? लाखों दिहाड़ी मजदूर काम न मिलने के कारण बेरोजगार हो चुके हैं। हजारों की तादाद में मजदूर शहरों में काम न मिलने के कारण अपने-अपने गांव लौट चुके हैं ।
श्री यादव ने कहा कि मोदी ने 30 दिसंबर तक का वक्त मांगा था जिसमें अब 22 दिन बचे हैं। नकदी की कमी से जूझ रहे बैंकों ने कैश निकासी के लिये खुद सीमा तय कर दी है। कई जगहों पर 2,000 रुपये तक ही निकालने की अनुमति है जबकि रिजर्व बैंक ने प्रति सप्ताह 24,000 रुपये की सीमा तय की हुई है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का भविष्य में चाहे कोई भी असर पड़े लेकिन वर्तमान में सारी व्यवस्था बिगड़ चुकी है। कारोबार मंदे होने के कारण मालिक अपने स्टाफ को कम करने पर भी विचार करने लगे हैं। युवाओं को नौकरी की चिंता सताने लगी है। वेतन बैंकों में जमा हो चुका है लेकिन ये रुपये उनके हाथ में नहीं आ रहे हैं।
उन्हाेंने कहा कि 8 नवंबर के बाद रिजर्व बैंक द्वारा मात्र 1900 करोड़ के करेंसी नोट बैंकों को दिये गये हैं जबकि रद्द किए जा चुके 500 और 1000 के 13 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकों में लोगों द्वारा जमा किये जा चुके हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि रिजर्व बैंक कितने नोट छाप पा रहा है।