मुलायम सिंह यादव ने सपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचकर समाजवादी आंदोलन के जुझारू नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री राजनारायण उनकी 31वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि सपा को मजबूती देने के लिए हमें अन्याय के खिलाफ खड़ा होने और न्याय का साथ देने का संकल्प लेना चाहिए। राजनारायण ने कभी अन्याय बर्दाश्त नहीं किया। कितना भी बड़ा नेता हो, वह उसके सामने बेबाकी से बोलते थे।
उन्होंने कहा कि पार्टी को आगे ले जाने के लिए संघर्ष जरूरी है। पार्टी में गुटबंदी नहीं होनी चाहिए लेकिन कुछ लोग इससे बाज नहीं आ रहे हैं। राजनारायण से जुड़े संस्मरण सुनाते हुए उन्होंने कहा कि वह जमीन से जुड़े नेता थे, जो कहते थे वही करते थे। मेरे उनसे बेहद करीबी रिश्ते थे। संघर्षशील व्यक्तित्व के कारण देश की राजनीति में उनकी अलग पहचान थी।
सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नन्दा ने कहा कि राजनारायण का एक नाम संघर्ष भी है। वे क्रांतिकारी नेता थे और जहां अन्याय देखते थे स्वयं आगे बढ़कर उसका प्रतिकार करते थे। जनता पार्टी के गठन में उनकी अहम भूमिका थी।
उन्होंने इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा और फिर उनके चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती दी। इस मौके पर सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, एसआरएस यादव, आनन्द भदौरिया, अरविन्द कुमार सिंह, राज कुमार मिश्र, विकास यादव, मनीष सिंह, फाकिर सिद्दीकी, डॉ. फिदा हुसैन अंसारी, मुकेश शुक्ला खासतौर पर मौजूद थे।