नई दिल्ली। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मकोका के एक आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशंस जज विनोद ने आरोपित मोहम्मद उमर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपित के खिलाफ काफी गंभीर आरोप हैं।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले के आठ सुरक्षित गवाहों की अभी तक गवाही नहीं हुई है। ऐसे में अगर आरोपित को जमानत दी जाती है तो वो गवाहों को प्रभावित कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि आरोपितों की नियमित जमानत याचिका दो बार हाईकोर्ट ने खारिज की है। कोर्ट ने कहा कि आरोपित को जमानत देने से लोगों का न्याय व्यवस्था पर से भरोसा उठ जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उमर के खिलाफ दिल्ली के सीलमपुर थाने में 2013 में मकोका की धारा 3(2) और 3(2)(4) के तहत एफआईआर दर्ज किया गया था।