Breaking News

आवश्यक सूचना: प्रदेश जागरण के सभी निर्गत परिचय पत्र निरस्त किये जा चुके हैं | अगस्त 2022 के बाद के मिलने या दिखने वाले परिचय पत्र फर्जी माने जाएंगे |

भूवैज्ञानिकों ने जारी की चेतावनी, आ सकता हैं बड़ा भूकंप, बार-बार महसूस हो रहे झटके

पिछले डेढ़ महीने में दिल्ली में 10 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। बार-बार महसूस हो रहे भूकंप के झटकों को लेकर एक्सपर्ट भी किसी बड़े खतरे की आशंका से इंकार नहीं कर रहे हैं। लेकिन वहीं, कुछ एक्सपर्ट यह भी कहते हैं कि दिल्ली को सबसे बड़ा खतरा हिमालय रीजन की बेल्ट से है। देश के शीर्ष भूवैज्ञानिकों में से एक ने ये चातावनी दी है कि बार-बार ये भूकंप के झटके इस बात का संकेत है कि भविष्य में देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़ा भूकंप आ सकता है।

12 अप्रैल से अब तक दिल्ली की धरती 10 बार भूकंप के झटके झेल चुकी है। नैशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलॉजी (एनसीएस) के अनुसार दिल्ली में बड़े भूकंप की आशंका कम है, लेकिन इससे पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता। दिल्ली को सबसे बड़ा खतरा इस समय हिमालय रीजन की बेल्ट से है। हालांकि भूकंप को लेकर हुई कुछ स्टडी में यह दावा किया गया है कि इस तरह के छोटे भूकंप के झटके बड़े भूकंप की आहट होते हैं।

यूएस के लॉस अलामॉस नैशनल लेबोरेट्री की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल केलिफॉर्निया में 4.0 तीव्रता के झटकों से पहले इसी तरह के कुछ हल्के झटके महसूस किए गए थे। साउथ केलिफॉर्निया में 2008 और 2017 में 4.0 तीव्रता से अधिक के झटके महसूस किए गए। इनमें से 72 प्रतिशत बार इन भूकंप से पहले हल्के झटके महसूस किए गए थे।

हालांकि एनसीएस के हेड (ऑपरेशन) जे एल गौतम का कहना है कि दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस जरूर किए गए, लेकिन यह एक ही बेल्ट से नहीं थे। यानी किसी एक फॉल्ट की वजह से यह झटके नहीं आए थे। यह हल्की एडजेस्टमेंट का नतीजा है जो खतरनाक नहीं होते। यह पहले भी दिल्ली में समय समय पर आते रहे हैं। दिल्ली के आसपास ऐसी कोई फॉल्ट प्लेट नहीं है, जिसपर प्रेशर इस समय काफी ज्यादा हो। इसी वजह से इसे सिस्मिक जोन 4 में रखा गया है। नेपाल में आए भूकंप का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि उस तरह के भूकंप उदाहरण है कि हिमालय रीजन में प्रेशर बढ़ रहा है।

अधिकारियों के अनुसार दिल्ली की बसावट की बात करें तो यह काफी पुराना शहर है। इसलिए इसे बड़े भूंकप के लिए पूरी तरह तैयार नहीं माना जा सकता। इसके नए इन्फ्रास्ट्रक्चर 6 से 6.6 तीव्रता वाले भूकंप को सहने के मापदंड के अनुसार बने हैं। जबकि इसके पुराने इन्फ्रास्ट्रक्चर 5 से 5.5 तीव्रता वाले भूकंप में खड़े रह सकते हैं। दिल्ली भूकंप के मामले में सिस्मिक जोन 4 में आती है। दिल्ली के आसपास भूकंप के 3 फॉल्ट हैं जिसमें सोहना बेल्ट, मथुरा बेल्ट और दिल्ली-मुरादाबाद बेल्ट शामिल है। लेकिन यह तीनों ज्यादा खतरनाक नहीं मानी जाती हैं।